रायपुर: पत्रकारिता राजनीति के लिए नहीं, बल्कि जनसामान्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए होनी चाहिए -बृजमोहन
रायपुर, प्रदेश के कृषि एवं सिंचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इक्कीसवीं सदी में बदलते पत्रकारिता के उद्देश्य पर अपने विचार रखते हुए कहा कि पत्रकारिता राजनीति के लिए नहीं बल्कि जनसामान्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए होनी चाहिए। मीडिया पर लोगों कि विश्वसनीयता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया को वर्तमान समय में बहुआयामी होना चाहिए तथा उसे पता होना चाहिए कि श्रोता तथा दर्शक क्या देखना-सुनना चाहते है।
उन्होंने यह बात एमिटी विश्वविद्यालय में समकालीन पत्रकार एवं पत्रकारिता शब्दावली विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के आसंदी से कही।
यह दो दिवसीय संगोष्ठी एमिटी विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग एवं मानव संसाधन मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ। 20 व 21 जनवरी को एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित ‘एमिटी संचार विद्यालय’ के इस आयोजन में कुल चार तकनीकी सत्र रखे गए जिसमें दूसरे दिन उक्त विषय पर शोध-पत्रों की प्रस्तुति तथा विषय से सम्बंधित चर्चा की गई, इस अवसर पर मीडिया तथा मीडिया शिक्षा से जुड़े प्रतिभागियों ने पत्रकारिता शब्दावली पर अपने विचार खुलकर रखे। साथ ही विशेषज्ञों ने पत्रकारिता जगत में प्रयोग की जा रही भाषा व शब्दों के प्रयोग पर अपनी राय रखी।
इस अवसर पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कि ओर बढ़ते दौर में आज भी प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता बरकऱार है। समापन समारोह में उन्होंने एमिटी विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि निजी विश्वविद्यालयों कि सूचि में एमिटी का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में विख्यात है तथा उच्च शिक्षा में एमिटी का योगदान उल्लेखनीय है। अंत में उन्होंने कार्यक्रम के सफलता की सभी को शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर शिक्षाविद डॉ. कीर्ति सिसोदिया, विश्वविद्यालय के वीसी विजय सिंह दाहिमा,दैनिक भास्कर रायपुर के संपादक शिव दुबे, डॉ. अनिल के. राय,विश्वविद्यालय के एमिटी संचार विद्यालय प्रमुख डॉ सुरेश चंद्र नायक,कुलसचिव डॉ. सुरोजीत मुखोपाध्याय सहित मीडिया व मीडिया शिक्षा से जुड़े देश भर के प्रभावी व्यक्तित्व सम्मिलित हुए।