कोरबा : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 12 साल पहले इंजेक्शन लगाने से हुई दो बच्चों की मौत के मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक माखीजा सहित दो आरोपियों को 6-6 माह का सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के उरगा थाना के ग्राम तिलकेजा निवासी महेशराम कुर्रे पिता गोवर्धन प्रसाद कुर्रे की बहू पुष्पलता कुर्रे 27 अक्टूबर 2006 की सुबह अपने दो पुत्र उमाशंकर 6 और गौरीशंकर 4 को खुजली का इलाज कराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तिलकेजा आई थी। तिलकेजा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक माखीजा ने बच्चों का परीक्षण कर उन्हें इंजेक्शन लगाने का निर्देश स्वास्थ्य केंद्र के ड्रेसर निरंजन एवं गैर चिकित्सा कर्मी मनीराम को दिया था। इंजेक्शन लगने के बाद बालक उमाशंकर व गौरीशंकर की हालत बिगड़ गई। उन्हें परिजन उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जा रहे थे, इस बीच रास्ते में ही बच्चों की मौत हो गई। अस्पताल के ड्रेसर निरंजन तथा चिकित्सकीय कर्मचारी नहीं होने के बाद भी अवैध रूप से डॉ. माखीजा ने अपने निर्देश में इलाज कराया। घटना के बाद उरगा चौकी में निरंजन कुमार एवं मनीराम लहरे के खिलाफ धारा 304 ए के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले का अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट कोरबा के न्यायालय में पेश किया गया। तात्कालीन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोरबा पीठासीन अधिकारी श्रीमती संध्या रात्रे ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान 6 अगस्त 2012 को डॉ. माखीजा को प्रमुख आरोपी बनाया। मंगलवार को प्रकरण की सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बृजेश राय ने डॉ अशोक माखीजा एवं मनीराम को उपेक्षा पूर्ण एवं असावधानीपूर्वक किए गए कृत्यों की वजह से धारा 304 ए का दोषी पाते हुए 6-6 माह का सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। मामले के एक अभियुक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तिलकेजा के तत्कालीन ड्रेसर निरंजन कुमार की प्रकरण की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
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