Parle-G बना गरीबों का सहारा, बिक्री में टूटा 82 साल का रिकॉर्ड

रायपुर, लॉकडाउन में जहा बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वही बिस्कुट बनाने वाली कंपनी पारले (Parle-G) ने एक नया रिकॉर्ड बना लिया है. लॉकडाउन के दौरान पारले-जी बिस्कुट की इतनी अधिक बिक्री हुई है कि पिछले 82 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है.
महज 5 रुपये में मिलने वाला पारले-जी (Parle-G) बिस्कुट का पैकेट सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने वाले प्रवासियों मजदूरों के लिए मददगार साबित हुआ. यूं तो पारले-जी 1938 से ही लोगों के बीच एक फेवरेट ब्रांड रहा है. मगर लॉकडाउन के बीच इसने अब तक के इतिहास में सबसे अधिक बिस्कुट बेचने का रिकॉर्ड बनाया है. हालांकि, सेल्स के नंबर तो नहीं आए, लेकिन कंपनी की ओर से जरूर कहा कि मार्च, अप्रैल और मई पिछले 8 दशकों में उसके सबसे अच्छे महीने रहे हैं.
पारले प्रोडक्ट्स के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने बताया कि कंपनी का कुल मार्केट शेयर करीब 5 फीसदी बढ़ा है और इसमें से 80-90 फीसदी ग्रोथ पारले-जी (Parle-G) की सेल से हुई है. पारले प्रोडक्ट्स ने अपने सबसे अच्छे बिकने वाले, लेकिन कम कीमत वाले ब्रांड पारले-जी पर फोकस किया, क्योंकि ग्राहकों की ओर से इसकी खूब डिमांड आ रही थी.
कुछ ऑर्गेनाइज्ड बिस्कुट निर्माताओं जैसे पारले ने लॉकडाउन के कुछ ही समय बाद ऑपरेशन शुरू कर दिए थे. इनमें से कुछ कंपनियों ने तो अपने कर्मचारियों के आने-जाने तक की व्यवस्था कर दी थी, ताकि वह आसानी से और सुरक्षित तरीके से काम पर आ सकें. जब फैक्ट्रियां शुरू हुईं, तो इन कंपनियों का फोकस उन प्रोडक्ट्स का उत्पादन करना था, जिनकी अधिक सेल होती है.
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