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नई दिल्ली : राज्यपाल सम्मेलन-2018 में बोले राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द

नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपाल सम्मेलन-2018 में इस सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि विकास की यात्रा में पीछे रह गए देशवासियों के हित में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी राज्यपालों को भी मिले, ताकि देश के विभिन्न राज्यों में 115 ऐस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में तेज गति से विकास करने के संकल्प पर विस्तृत चर्चा की जा सके।
इस सम्मेलन में पहली बार शामिल होने वाली मध्य प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल और मिजोरम के राज्यपाल श्री के. राजशेखरन का विशेष रूप से स्वागत करते हुए कोविंद ने कहा कि उसके सात महीनों के पश्चात वर्ष 2018 के इस सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।

राष्ट्रपति भवन में आयोजित

ऐसे सम्मेलन में आप सभी राज्यपालों और उप-राज्यपालों को उप-राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, गृह मंत्री, मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों, नीति आयोग के उपाध्यक्ष तथा सरकार के वरिष्ठतम अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करने का अच्छा अवसर प्राप्त होता है। इस अवसर का उपयोग करके, हम कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर पारस्परिक चर्चा करते हुए उन क्षेत्रों में भविष्य की दिशा तय कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के संवैधानिक पद की एक विशेष गरिमा होती है। राज्य सरकार के मार्ग-दर्शक तथा हमारे संघीय ढांचे की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में, राज्यपाल अपना निरंतर योगदान देते हैं। राज्य की जनता राज्यपालों को आदर्शों और मूल्यों के कस्टोडियन के रूप में देखती है।

पद की एक विशेष गरिमा होती है

कोविंद ने कहा कि इस सम्मेलन का एजेंडा तय करते समय यह फोकस रखा गया है कि विकास की यात्रा में पीछे रह गए देशवासियों के हित में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी आप सभी को मिले तथा उन पर विस्तार से चर्चा हो। विभिन्न राज्यों में जिन 115 ऐस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में तेज गति से विकास करने का संकल्प किया गया है उसके क्रियान्वयन के बारे में आप सबको पूरी जानकारी मिले। गरीबों, महिलाओं, अनुसूचित जातियों एवं जन-जातियों, युवाओं और किसानों के कल्याण के लिए सभी स्टेक-होल्डर्स का मार्ग-दर्शन करने में, यह जानकारी आप सब के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। हमारे देश में अनुसूचित जनजातियों की लगभग दस करोड़ की आबादी का एक बड़ा हिस्सा, भारतीय संविधान की पाँचवीं और छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में रहता है।

तेज गति से विकास करने का संकल्प किया गया

विकास की दृष्टि से अपेक्षाकृत पीछे रह गए इन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में आप सभी उचित मार्ग-दर्शन दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यपालों के इस सम्मेलन में उप-राष्ट्रपति तथा प्रधान मंत्री, गृह मंत्री और उनके वरिष्ठ सहयोगी, अपनी उपस्थिति और योगदान से, यहाँ होने वाले संवाद को और अधिक सार्थकता प्रदान करेंगे। आप सभी राज्यपालों का सामाजिक जीवन में लंबा अनुभव रहा है। मुझे विश्वास है कि इस सम्मेलन के दौरान आप सबके महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त होंगे। इस सम्मेलन में जो विचार-विमर्श होगा उससे संवेदनशीलता, सौहार्द और समावेश पर आधारित एक अच्छे समाज के निर्माण में सहायता प्राप्त होगी।

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