नई दिल्ली : तेल, ईरान और अमेरिका के मुद्दे पर होगी पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच वार्ता

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार से रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। यहां पर वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अहम मुद्दों पर वार्ता करेंगे। यह मुलाकात कई लिहाज से बेहद खास है। पीएम मोदी का यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि पुतिन ने चौथी बार राष्ट्रपति का कार्यकाल संभालने के बाद खुद पीएम मोदी को रूस की यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया था। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात रूस के शहर सोची में होने वाली है। पीएम मोदी यहां पर पुतिन के रिजॉर्ट पर भी जाएंगे। सोचि में ही पुतिन ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से भी अमेरिका को लेकर बातचीत की है। बीते दस दिनों में पुतिन यहां पर कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि इस वर्ष मोदी और पुतिन के बीच यह पहली बैठक होने वाली है।
आपको बता दें कि इस वर्ष के आखिर तक राष्ट्रपति पुतिन भी भारत की यात्रा पर आएंगे
इससे पहले पीएम मोदी ने पिछले माह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी मुलाकात की थी। पीएम मोदी ने इस दौरे के बारे में ट्विट कर जानकारी दी है। रूस में भारत के राजदूत पंकज शरण भी पीएम की इस यात्रा को काफी अहम मानते हैं। उनके मुताबिक दोनों नेताओं के बीच की केमिस्ट्री काफी अच्छी है। इस दौरान दोनों नेता अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में एक-दूसरे की अर्थव्यवस्था और प्रभाव को बेहतर बनाने के लिए आपसी सहयोग पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा ईरान परमाणु करार से अमेरिका के अलग होने और इससे पडऩे वाले प्रभावों पर भी दोनों के बीच चर्चा होगी। यह मुद्दा इस लिहाज से भी बेहद खास है क्योंकि भारत तेल का बड़ा खरीददार है और भारत की जरूरत का काफी तेल ईरान ही सप्लाई करता है।
पीएम मोदी ने पिछले माह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी मुलाकात की थी
लेकिन मौजूदा समय में ईरान पर लगे प्रतिबंध से स्थिति में काफी बदलाव आया है। इसको लेकर भारत नई रणनीति भी बना रहा है। वहीं भारत और रूस दोनों ही आतंकवाद के पीडि़त हैं इसलिए दोनों पक्षों के बीच इस्लामिक संगठन के बढ़ते खतरे और अफगानिस्तान-सीरिया की स्थिति पर भी चर्चा होगी। इन मुद्दों के अलावा इस दौरान भारत-रूस के बीच परमाणु क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी बातचीत हो सकती है। शरण के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन चाहते हैं कि दोनों नेताओं के बीच भविष्य में रूस की प्राथमिकताएं, रूसी विदेश नीति और भारत-रूस संबंधों पर बात हो।
भारत-रूस के बीच परमाणु क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी बातचीत हो सकती है
लिहाजा, दोनों देश आपसी आर्थिक संबंधों को और कैसे मजबूत बना सकते हैं, इस पर चर्चा होने की संभावना है। यहां पर पुतिन पीएम मोदी के सम्मान में भोज भी आयोजित करने वाले हैं। गौरतलब है कि परंपरागत तरीके की औपचारिक बैठकों से हट कर प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक अनौपचारिक शिखर वार्ता की थी। इस तरह की वार्ता के बाद आमतौर पर कोई घोषणा पत्र जारी नहीं किया जाता और बातचीत के विषय दोनों नेता अपने से हिसाब से चुनते हैं।