किसान की फसल बचाने वाले IPS Abhishek verma ने पत्रकारिता और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की थी,बने IPS

देश में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर अक्सर इस विभाग पर सवालिया निशान लगते रहे हैं. बिना कुछ सोचे लोग, पुलिस को घूसखोर या नाकारा कहने लगते हैं, लेकिन ये तस्वीरें आपकी सोच पूरी तरह तो नहीं बदलेंगी. लेकिन हो सकता है, पुलिस के प्रति आपकी सोच बदलने की दिशा में, आपका ये पहला कदम हो ।
सबसे पहले हम बात करते हैं, इस वीडियो के बारे में.. दरअसल यूपी के औरैया जिले में पदस्थ SP अभिषेक वर्मा को एक गांव में आगजनी की सूचना मिली थी । इसके बाद वे भी फायर बिग्रेड के साथ मौके पर पहुंच गए । कड़कती धूप और लू के बीच आग ने विकराल रूप धरना शुरू कर दिया था। आसपास के तमाम खेत भी धधकने लगे।
आनन फानन में राहत कार्य शुरू हुआ, तो SP साहब और उनका अमला भी जुट गया । वे आग से बचाने के लिए, गेंहू के गट्ठर हटाने लगे । SP साहब को किसानों की मदद करते देख लोगों ने भी उनकी खूब प्रशंसा की, उनके इस नेक काम को वायरल करने का जिम्मा भी आम लोगों ने उठा लिया । चंद घंटो में ही ये वीडियो वायरल हो गया । सोशल मीडिया पर लोगों ने SP की इस कवायद को खूब सराहा।
अब आपको हम थोड़ा एसपी अभिषेक वर्मा के बारे में भी बताते हैं. अभिषेक वर्मा भारतीय पुलिस सेवा के 2016 बैच के अधिकारी हैं । औरेया के एसपी बनने से पहले से एडीसी टू गवर्नर के प्रतिष्ठित पद पर तैनात थे। इसके साथ ही गाजियाबाद में अभिषेक वर्मा का बतौर एसपी सिटी कार्यकाल बेहद चर्चित रहा था ।
वे अपराधियों को लेकर सख्त और आम जनता के लिए नरम रुख रखने वाले अफसर माने जाते हैं । गाजियाबाद में संगीन अपराधों का खुलासा करने में वह हमेशा तत्पर रहे। गाजियाबाद में उनके कार्यकाल के दौरान देखा गया था, कि वे किसी भी फरियादी को बगैर संतुष्ट किए नहीं लौटाते थे ।
महिला सुरक्षा को लेकर भी उन्होंने पुलिसकर्मियों को सजग, संवेदनशील और मुस्तैद बनाया था । गाजियाबाद में तैनाती से पहले वह बरेली, लखनऊ और प्रयागराज में भी तैनात रहे हैं ।
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद, उन्होने 2016 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की । उनके पिता भी उत्तर प्रदेश पुलिस में वरिष्ठ पद पर तैनात हैं । आईपीएस बनने से पहले अभिषेक वर्मा ने पत्रकारिता की पढ़ाई की।
कुल मिलाकर अगर देखा जाए, तो एसपी अभिषेक वर्मा का इतिहास काफी अच्छा कहा जा सकता है, और उनके इस सराहनीय कार्य ने तो सभी का दिल जीत लिया है. अब आप भी बताइए, अगर पूरी देश की पुलिस इस तरह से आम आदमी के दुख में उसके साथ खड़ी हो जाए, तो क्या पुलिस के लिए आप अपनी सोच नहीं बदलेंगे.