अब हर घर होगा रोशन, हर जेब रहेगी सुरक्षित — कोरबा में ऊर्जा क्रांति की नई कहानी

रायपुर। देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हर घर तक स्वच्छ, सस्ती और निरंतर बिजली पहुँचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गई है। यह योजना न सिर्फ नागरिकों को भारी बिजली बिलों से राहत दे रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा कदम साबित हो रही है।
छत्तीसगढ़ में इस योजना का क्रियान्वयन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रभावी ढंग से हो रहा है। प्रदेश में सौर ऊर्जा अपनाने की रफ्तार तेज हुई है और लोग तेजी से ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।
कोरबा — जिसे देश की “पावर कैपिटल” कहा जाता है — वहाँ इस योजना का असर खास तौर पर दिख रहा है। कोरबा के नकटीखार क्षेत्र में रहने वाले रंजीत कुमार इसका उदाहरण हैं।
रंजीत, जो कुसमुंडा स्थित एसईसीएल में डंपर ऑपरेटर के रूप में काम करते हैं, पहले हर महीने हजारों का बिजली बिल चुकाते थे। बच्चों की पढ़ाई, घर की जरूरतें और महंगाई के बीच बिजली बिल अक्सर उनकी जेब पर भारी पड़ता था। लेकिन जब उन्होंने पीएम सूर्यघर योजना के बारे में सुना, तो तुरंत आवेदन किया।
दो महीने पहले उन्होंने अपने घर की छत पर करीब ₹2.10 लाख की लागत से सोलर पैनल सिस्टम लगवाया। इसमें केंद्र सरकार से ₹78,000 की सब्सिडी मिली। बाकी राशि उन्होंने आसान किस्तों पर लोन लेकर और कुछ नकद चुकाकर पूरी की।
इस फैसले का असर तुरंत दिखा — पहले जहाँ बिजली बिल हर महीने ₹1000 से ज्यादा आता था, अब मात्र ₹130 का बिल आ रहा है।
आर्थिक राहत के साथ पर्यावरण को भी फायदा
यह योजना सिर्फ जेब की बचत नहीं कर रही, बल्कि पर्यावरण को भी राहत दे रही है। कोरबा जैसे औद्योगिक क्षेत्र में जहाँ कोयला आधारित बिजली उत्पादन आम बात है, वहाँ सौर ऊर्जा का बढ़ता उपयोग वायु प्रदूषण को कम करने में भी मददगार है।
रंजीत का परिवार अब ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर है। घर में रोशनी हो या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सब कुछ सौर ऊर्जा से चलता है। बच्चों की पढ़ाई अब बिना किसी रुकावट के हो रही है।
उनकी पत्नी बताती हैं, “अब बिजली बिल की कोई चिंता नहीं रहती। पैनल ने हमारी जिंदगी आसान बना दी है।”
आज रंजीत का घर न केवल खुद के लिए, बल्कि इलाके के लिए भी एक प्रेरणादायक मिसाल बन चुका है — कि कैसे सरकारी योजनाओं का सही इस्तेमाल कर आम लोग भी ऊर्जा क्रांति का हिस्सा बन सकते हैं।