अब हर छत बनेगी ऊर्जा का स्रोत, सूर्यघर योजना से रोशन हो रहा भारत

रायपुर। भारत में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ चुका है। सूरज की रोशनी अब न सिर्फ सुबह का संकेत देती है, बल्कि देश के विकास की नई राह भी दिखा रही है। इसी दिशा में शुरू हुई सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने घर-घर में ऊर्जा क्रांति ला दी है। यह योजना सिर्फ बिजली बचत नहीं, बल्कि हर नागरिक को उपभोक्ता से उत्पादक में बदलने का जरिया बन चुकी है।
हर छत अब सिर्फ छत नहीं, बल्कि ऊर्जा का आत्मनिर्भर स्तंभ बन चुकी है।
कोरबा जिले के खरमोरा निवासी दीपक किशोर भात्रा, जो पेशे से व्यापारी हैं, ने इस योजना के तहत अपने घर की छत पर तीन किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया। परिचितों से योजना की जानकारी मिलते ही उन्होंने आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन किया। कुछ ही दिनों में विशेषज्ञों की टीम ने सोलर पैनल इंस्टॉल कर दिया और ₹78,000 की सब्सिडी सीधा उनके खाते में जमा हो गई।
पैनल की कुल लागत ₹2.10 लाख थी, लेकिन सब्सिडी से निवेश काफी कम हो गया। अब उनका घर स्वच्छ और निरंतर बिजली से जगमगा रहा है। दीपक बताते हैं कि यह सिर्फ बिजली बचत नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की ओर एक मजबूत कदम है। उन्होंने आसपास के लोगों को भी योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित किया है।
छत्तीसगढ़ जैसे ऊर्जा-समृद्ध राज्य में यह योजना और भी खास महत्व रखती है। अब तक जहाँ राज्य मुख्य रूप से कोयले और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर था, वहीं अब लोग तेजी से स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ रहे हैं।
सूर्यघर योजना घरेलू जीवन के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरणीय स्थिरता को भी मजबूती दे रही है।