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सितंबर में बढ़ी तेल की बिक्री, इकॉनमी के लिए अच्छे संकेत

नईदिल्ली,  देश में जुलाई और अगस्त में तेल की मांग में भारी गिरावट आई थी लेकिन सिंतबर के पहले 15 दिनों में इसमें भारी तेजी आई है। यह इस बात का संकेत है कि इकॉनमी सुस्ती से बाहर निकल रही है। लेकिन देश में कोरोना के लगातार बढ़ते मामले चिंता बढ़ा रहे हैं। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर के पहले 15 दिनों में पेट्रोल की खपत पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2 फीसदी अधिक रही जबकि डीजल की बिक्रा कोरोना के पहले के दौर के 94 फीसदी के बराबर पहुंच गई है। अगस्त की तुलना में इसमें 19 फीसदी की तेजी आई है।

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डीजल की खपत आर्थिक गतिविधियों के जोर पकडऩे का प्रमुख संकेत है क्योंकि इसका इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट, कंसट्रक्शन और खेती के कामों में होता है। जून में इसकी बिक्री बढ़ी थी लेकिन जुलाई और अगस्त में प्रमुख औद्योगिक राज्यों में मॉनसून, बाढ़ और लोकल लॉकडाउन की वजह से इसमें कमी आई थी। अगस्त में डीजल की खपत में जुलाई की तुलना में 12 फीसदी की गिरावट आई। यह कोरोना के पहले के स्तर से 21 फीसदी कम रही।

सितंबर में विमान ईंधन की बिक्री भी अगस्त की तुलना में 15 फीसदी बढ़ी है लेकिन यह अब भी कोरोना के पहले के स्तर से 60 फीसदी कम है। एलपीजी की बिक्री में इस दौरान एक साल पहले की तुलना में 12 फीसदी के तेजी आई है। अगस्त की तुलना में भी सितंबर के पहले 15 दिनों में बिक्री 13 फीसदी बढ़ी है। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए लोग ज्यादातर घर में ही रह रहे हैं जिससे एलपीजी की बिक्री में लगातार इजाफा हो रहा है।

कोरोना काल में लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बजाय निजी वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। यही वजह है कि अगस्त में कारों की बिक्री 14 फीसदी बढ़ी जबकि दुपहिया वाहनों की बिक्री में 3 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे भी ईंधन की खपत में तेजी आई है। जानकारों का कहना है कि मॉनसून के लौटने, कंसट्रक्शन गतिविधियों के बहाल होने और त्योहारी सीजन के शुरू होने से तेल की बिक्री में और तेजी आएगी।

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