
रायपुर। शहर में ओला, रिपोडो और अन्य ऐप-आधारित टैक्सी सेवाएं अब यात्रियों के लिए सुविधा कम और परेशानी ज्यादा बनती जा रही हैं। किराए पर चलने वाली इन सेवाओं में अब ‘ऐप से अलग अतिरिक्त पैसे’ मांगना एक आम प्रचलन बन गया है। कई यात्रियों ने बताया है कि ड्राइवर अब या तो बुकिंग कैंसिल करने की धमकी देते हैं या सफर के बाद मनमाफिक अतिरिक्त चार्ज मांगते हैं, जिसे देने से मना करने पर झगड़े की नौबत आ जाती है।
एप पर दिखा 74 रुपए, पर ड्राइवर बोले 150 दो
रेलवे स्टेशन से सड्डू तक ओला बुक करने वाले अभिषेक गुप्ता को ऐप पर 74 रुपए का किराया दिखा, लेकिन जब गाड़ी में बैठे तो ड्राइवर ने पहले ही साफ कह दिया, भईया ऐप का किराया मत देखो, सीधा 150 रुपए लगेंगे, वरना आप कैंसिल कर दो, देता हूं। मजबूरी में अभिषेक को यह अतिरिक्त पैसा देना पड़ा। इसी तरह की शिकायतें रायपुर के शंकर नगर, सड्डू, डंगनिया और वीआईपी रोड क्षेत्र से भी सामने आई हैं।
ड्राइवरों की दलील – ऐप से कम आता है, पेट्रोल महंगा है
कुछ ड्राइवरों से इस बारे में बात करने पर उनका कहना था कि ऐप कंपनियां कमीशन काटने के बाद बहुत कम पैसे देती हैं, ऊपर से पेट्रोल डीजल के दाम भी बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें सर्वाइव करना मुश्किल हो रहा है। यही नहीं ड्रायवर ये कहते हुए भी ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं कि उस तरफ से सवारी नहीं मिलती है ।
इसका खामियाजा आम यात्री को भुगतना पड़ रहा है, जो बार्गनिंग से बचने के लिए ऐप से बुकिंग कराता है, लेकिन कैब खासतौर से बाइक वाले उनके साथ न सिर्फ बदतमीजी करते हैं, बल्कि गाली गलौंच और धमकियां भी देते हैं ।
प्रशासन और ट्रैफिक विभाग की चुप्पी
ऐसे मामलों पर नगर प्रशासन और ट्रैफिक विभाग की तरफ से कोई सख्ती देखने को नहीं मिल रही। जबकि यह सीधे सीधे उपभोक्ता अधिकारों का हनन है और टैक्सी परमिट की शर्तों का उल्लंघन भी।
विशेषज्ञों की राय – रेगुलेशन जरूरी
उपभोक्ता मामलों के जानकारों का मानना है कि ऐप बेस्ड सेवाओं पर कोई रेगुलेटरी निगरानी नहीं होने के कारण यह समस्या तेजी से फैल रही है। यदि सरकार या स्थानीय प्रशासन इस पर सख्ती नहीं बरतता, तो आने वाले समय में यह ‘डिजिटल ठगी’ का नया रूप बन सकती है।
क्या करें यात्री?
ऐप में Help या Support सेक्शन में तुरंत शिकायत दर्ज करें। भुगतान ऐप या ऑनलाइन करें, नकद न दें। यात्रा की रसीद और स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें। जरूरत पड़ने पर उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करें। अगर आप भी ऐसे किसी अनुभव से गुज़रे हैं, तो Fourth Eye News को लिख भेजें। आपकी आवाज बनेगी एक बदलाव की शुरुआत।