गैजेट पर उतना ही समय बिताना चाहिए जितना कि उनका उपयोग है-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ना सिर्फ एक कुशल राजनेता हैं बल्कि एक मेंटर यानी मार्गदर्शक की भूमिका भी अदा करते हैं। ऐसे ही उन्होनें अपनी भूमिका का निर्वहन स्कूली बच्चों के लिए किया, कार्यक्रम का नाम था ‘परीक्षा पे चर्चा’, जिसमें पीएम मोदी ने छात्रों से संवाद किया, उनके मन में परीक्षा के लिए जो डर रहता है उसे दूर करने की कोशिश की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने यूँ तो कई बातें कहीं मगर उनमें सबसे अहम बात यह रही कि गैजेट्स हमें गुलाम बना देते हैं हमें खुद से यह तय करना चाहिए कि हम इन गैजेट के गुलाम नहीं बनेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें गैजेट पर उतना ही समय बिताना चाहिए जितना कि उनका उपयोग है. प्रधानमंत्री ने फास्टिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि हम जैसे फास्टिंग करते हैं वैसे ही हमें हफ्ते में कुछ दिन या दिन में कुछ घंटे ऑनलाइन गैजेट को लेकर भी फास्टिंग करनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने छात्रों से पूछा कि क्या हम सप्ताह में 1 दिन डिजिटल फास्टिंग कर सकते हैं यानी कि 1 सप्ताह में 1 दिन डिजिटल ऑनलाइन साधनों की फास्टिंग की जाए.वैसे आप प्रधानमंत्री की इस एडवाइस को कितना सही मानते हैं और बच्चों के साथ उनके तालमेल को किस नज़रिए से देखते हैं।