छत्तीसगढ़

ईडी की छापामार कार्रवाई में भ्रष्ट अधिकारियों से करोड़ों की संपत्ति बरामद, मुख्यमंत्री नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें-चंदेल

छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री नारायण चंदेल ने छत्तीसगढ़ में ईडी के छापों एवं ईडी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के उपरांत प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि ईडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है।हम सब ने कभी सोचा भी नहीं था कि कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों,का किसानों का आम जनता का ,मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेट चढ़ाया जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी  संरक्षण में भ्रष्टाचार ने अपनी सारी से सीमाएं लांघ दी है यह छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए एक काला अध्याय हैं।
उक्ताशय की जानकारी पत्रकारवार्ता में देते हुए चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री के संरक्षण में अधिकारी करोड़ों रुपयों का भ्रष्टाचार करने में लगे हुए हैं। स्वयं सरकार के केबिनेट मंत्री ने कोरबा की कलेक्टर को प्रदेश का सबसे बड़ा भ्रष्ट आईएएस अधिकारी करार देते हुए मुख्यमंत्री से उनके स्थानांतरण की मांग की थी। करोड़ों की संपत्ति के बरामद होने से यह स्पष्ट हो गया कि मुख्यमंत्री भ्रष्ट अधिकारियों के जरिए छत्तीसगढ़ की आम जनता को छल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी ,राजनेता और बिचौलिए  जुड़े है और  छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली कर रहे है प्रतिदिन 2 से 3 करोड़ रु जबरन वसूले जा रहे है इस प्रकार हजारों करोड़ रु वसूली कर गलत कृत्यों में इस्तेमाल किए जा रहे है।
श्री चंदेल ने ईडी के  प्रेस नोट का हवाला देते हुए कहा ईडी ने करीब 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए गए  हैं।
श्री चंदेल ने कहा कि भ्रष्टाचार करने के लिए बाकायदा नियम बदले गए कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई-परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया था। अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी। भ्रष्टाचार किस प्रकार से ,किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है इसकी भी विस्तार जानकारी ईडी ने  अपने प्रेस नोट में दी है।
15.7.22 से बिना किसी एसओपी के 30,000 से अधिक एनओसी जारी किए गए हैं। आवक और जावक रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया था। अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है। ट्रांसपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम आदि जैसे कई विवरण खाली छोड़ दिए गए हैं। पत्रकारवार्ता में भाजपा के लीगल सैल प्रभारी केदार गुप्ता प्रवक्ता रंजना साहू विधायक धमतरी एवं मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी उपस्थित थे।

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