देश की ताज़ा खबरें | Fourth Eye News

CPEC पर पाक मंत्री का बड़ा यू-टर्न: अरबों डॉलर के बावजूद फायदा शून्य, ड्रैगन में खलबली

पाकिस्तान की राजनीति में इन दिनों एक ऐसा बयान हलचल मचा रहा है, जिसने चीन को हैरान और नाराज़—दोनों कर दिया है। पाकिस्तान के प्लानिंग मिनिस्टर अहसान इकबाल ने खुलकर कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) से देश को कोई ठोस लाभ नहीं मिला।

चीन अब तक इस मेगा प्रोजेक्ट में अरबों डॉलर झोंक चुका है, ऐसे में पाक मंत्री के इस बयान ने कूटनीतिक तापमान बढ़ा दिया है।

एक कार्यक्रम में बोलते हुए इकबाल ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ने बार-बार विकास के मौके गंवाए और तथाकथित “गेम चेंजर” CPEC का पूरा लाभ नहीं उठा सकी। उन्होंने इस नाकामी के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी PTI सरकार को जिम्मेदार बताया। इकबाल के मुताबिक, इमरान सरकार ने चीनी निवेश की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचाया।

CPEC क्यों हुआ था खास?

CPEC, चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की मुख्य कड़ियों में से एक है।
2013 में शुरू इस विशाल परियोजना का लक्ष्य था—

पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट को चीन के काशगर से सड़क, रेल और पाइपलाइन नेटवर्क से जोड़ना

दोनों देशों के बीच संपर्क और व्यापार बढ़ाना

चीन को सीधे हिंद महासागर तक पहुंच देना

पाकिस्तान के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना

करीब 3,000 किमी लंबी इस परियोजना से पाकिस्तान को औद्योगिक उछाल की उम्मीद थी।

2018 के बाद से प्रोजेक्ट अटका पड़ा है

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, किसी वरिष्ठ मंत्री का खुले तौर पर यह स्वीकारना कि CPEC अपने लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया—बहुत दुर्लभ है।

रिपोर्ट बताती है कि 2018 के बाद से परियोजना की रफ्तार लगभग थम गई।
हालांकि आंशिक लाभ मिले, पर बड़े और दीर्घकालिक लक्ष्य अधूरे ही रह गए।

सबसे बड़ी विफलता मानी जा रही है—

CPEC का दूसरा चरण, जिसमें चीनी उद्योगों को पाकिस्तान में शिफ्ट कर तेज औद्योगिकीकरण के जरिए निर्यात बढ़ाने की योजना थी।
यह चरण अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button