देश की ताज़ा खबरें | Fourth Eye News

पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ की गीदड़भभकी: सिंधु नदी के पानी पर भारत को धमकी

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को सिंधु नदी का पानी रोकने पर कड़ी चेतावनी दी है। इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “अगर आप हमारे पानी को रोकने की धमकी देते हैं, तो ध्यान रखें कि आप पाकिस्तान की एक भी बूंद पानी नहीं छीन सकते।” यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत-पाकिस्तान के बीच जल विवाद चरम पर है। शहबाज ने धमकी दी कि यदि भारत ने ऐसा प्रयास किया, तो उसे ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि वह “अपने कान पकड़कर रह जाएगा।”

भारत-पाक जल विवाद की पृष्ठभूमि

भारत ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, सिंधु जल संधि (IWT) को स्थगित कर दिया। इस संधि के तहत इंडस, झेलम और चिनाब नदियों का पानी पाकिस्तान को आवंटित है, जबकि रावी, ब्यास और सतलुज भारत को। भारत के इस कदम ने पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ा दी है। शहबाज शरीफ का यह बयान पाकिस्तानी नेताओं की लगातार धमकियों का हिस्सा है, जो भारत के फैसले से बौखलाए हुए हैं।

बिलावल भुट्टो और असीम मुनीर की धमकियां

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी संधि के निलंबन को “सिंधु घाटी सभ्यता पर हमला” करार दिया और युद्ध की धमकी दी। दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने फ्लोरिडा में कहा कि अगर भारत पानी रोकने के लिए बांध बनाएगा, तो पाकिस्तान उसे नष्ट कर देगा। इन बयानों से साफ है कि पाकिस्तान अपनी कमजोरी छिपाने के लिए आक्रामक रुख अपना रहा है।

भारत का करारा जवाब

भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के परमाणु धमकियों को गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि सेना और आतंकवादी समूहों के बीच घनिष्ठ संबंध परमाणु नियंत्रण की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं। भारत ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां अमेरिका जैसे मित्र राष्ट्र की धरती पर करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

क्षेत्रीय तनाव और भविष्य

सिंधु जल संधि का निलंबन भारत-पाक संबंधों में नया तनाव पैदा कर रहा है। भारत ने साफ किया है कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते,” और इसका पानी अब भारतीय किसानों के लिए उपयोग होगा। पाकिस्तान की धमकियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देना होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button