देशखेलबड़ी खबरें

खिलाडियों ने फेडरेशन अध्यक्ष और कोच पर लगाए यौन शोषण के आरोप

विवाद के बीच अध्यक्ष बृजभूषण ने कहा : ''फांसी लगा लूंगा''

नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। दोस्तों इन दिनों हमारे देश का स्पोर्ट्स फेडरेशन काफी दागदार हो रहा है। फेडरेशन के खिलाडियों ने इसके अध्यक्ष और कोच पर संगीन आरोप लगाए हैं, आरोप भी कोई छोटा-मोटा नहीं बल्कि यौन शोषण का, और यह आरोप जिन्होनें लगाए हैं वो भी कोई छोटी-मोटी हस्ती नहीं बल्कि देश का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडी पहलवान हैं।

विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन विनेश फोगाट ने दावा किया है कि लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोच ने महिला पहलवानों का शोषण किया है. कुछ महिलाएं हैं जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के कहने पर पहलवानों से संपर्क करती हैं. विनेश ने हालांकि स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया है.मगर उन्हें डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के इशारे पर उनके करीबी अधिकारियों से जान से मारने की धमकी मिली थी, क्योंकि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उनका ध्यान इन मुद्दों पर आकर्षित करने का हिम्मत दिखायी थी.

विनेश फोगाट ने दावा किया कि मुझे 10-12 महिला पहलवानों अपनी कहानियां सुनाईं. उन्होंने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से हुए यौन शोषण के बारे में मुझे बताया है. मैं अभी उनका नाम नहीं ले सकती, लेकिन अगर हम देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिले तो मैं नामों का खुलासा जरूर कर सकती हूं.वहीं खेल फेडरेशन के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर कुश्ती पहलवानों का धरना जारी है. धरना देने वालों में विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया जैसे खिलाड़ी शामिल हैं. खेल मंत्रालय ने पहलवानों के आरोपों को गंभीरता से लिया है. मंत्रालय की तरफ से कुश्ती संघ से 72 घंटे में आरोपों के जवाब देने के लिए कुश्ती संघ को नोटिस भेजा गया है.

महिला पहलवान विनेश फोगाट ने एक चौंकाने वाले खुलासे में बुधवार को रोते हुए आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं. महिला पहलवान ने उन्हें हटाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की.

भारतीय कुश्ती महासंघ और महासंघ के कामकाज में कुप्रबंधन पर खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है और लगाए गए आरोपों पर अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है. डब्ल्यूएफआई को भेजे पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि चूंकि यह मामला एथलीटों की भलाई से जुड़ा है इसलिए मंत्रालय ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है.

मंत्रालय ने आगे कहा है कि अगर डब्ल्यूएफआई अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के अनुसार महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा. इसके अलावा, महिला राष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षण शिविर जो 18 जनवरी, 2023 से लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में 41 पहलवानों और 13 प्रशिक्षकों और सहायक कर्मचारियों के साथ शुरू होने वाला था, रद्द कर दिया गया है.

विनेश के साथ बैठे टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि महासंघ मनमाने ढंग से चलाया जा रहा है और जब तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता तब तक वे किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे. बजरंग, विनेश, रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता सरिता मोर, संगीता फोगाट, सत्यव्रत मलिक, जितेंद्र किन्हा और राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता सुमित मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे 30 पहलवानों में शामिल हैं.

गुरुवार को खेल फेडरेशन की तरफ से धरने पर बैठे इन पहलवानों को बुलावा आया, इनकी फेडरेशन के साथ वन टू वन चर्चा भी हुई, और संघ की तरफ से इन्हें जांच कर कार्रवाई का आश्वासन भी मिला मगर फेडरेशन के इस आश्वासन को यह प्रदर्शनकारी पहलवान लिखित में चाहते हैं, मगर फेडरेशन ने लिखित में कुछ भी देने से साफ़ इंकार कर दिया, इसके बाद यह खिलाडी वापस धरने पर लौट आए हैं।

जब बात नहीं बनी तब केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने धरना दे रहे पहलवानों को गुरुवार रात अपने सरकारी आवास पर डिनर पर बुलाया। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, रवि दहिया, दीपक पूनिया, बबीता फोगाट समेत कई पहलवान 4 गाड़ियों से पहुंचे थे। बैठक रात 10 बजे शुरू हुई थी और करीब पौने चार घंटे चली। अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों से कुश्ती संघ के अध्यक्ष के जवाब का इंतजार करने को कहा।

उधर पहलवानों के आरोपों पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होनें सफाई देते हुए कहा कि धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलंपिक के बाद किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है. क्या पिछले दस सालों से उन्हें फेडरेशन से कोई दिक्कत नहीं थी? मुद्दे तब सामने आते हैं जब नए नियम और विनियम लाए जाते हैं. यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि यौन उत्पीड़न एक बड़ा आरोप है. जब मेरा ही नाम इसमें घसीटा गया है तो मैं कैसे कार्रवाई कर सकता हूं? मैं जांच के लिए तैयार हूं. सबसे बड़ा आरोप विनेश फोगाट ने लगाया है. क्या कोई सामने है जो कह सके कि फेडरेशन ने किसी एथलीट का उत्पीड़न किया हो. यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है. अगर ऐसा हुआ है तो मैं फांसी लगा लूंगा.

कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह शुक्रवार दोपहर 12 बजे मीडिया के सामने आने वाले थे, मगर फिर इस कार्यक्रम में परिवर्तन हुआ अब खबर है कि वो शुक्रवार शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब दे सकते हैं। बहरहाल, फेडरेशन के अध्यक्ष और कोच पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं, अगर यह आरोप सही पाए गए तो वाकई में लडकियां इस क्षेत्र में जाने से पहले सौ बार सोचेंगी और उससे भी दुःखद अगर इस मामले में सही तरह से निष्पक्ष जांच नहीं की गई तब भी इन खिलाडियों का मनोबल टूट जाएगा। इस विषय पर आपकी क्या राय है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button