सियासी दूरी या निजी नाराज़गी? अखिलेश से आज़म की वन-ऑन-वन मीटिंग की शर्तें चर्चा में!

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर बड़ा मोड़ आने वाला है। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आज़म खान और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बढ़ती दूरी अब सार्वजनिक होती दिख रही है।
जेल से बाहर आने के बाद आज़म खान ने खुलकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है — और इस बार मामला बेहद निजी हो गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब रामपुर जाकर आज़म खान से मुलाकात करने वाले हैं, लेकिन यह ‘मीटिंग’ इतनी सीधी नहीं होगी। आज़म खान ने शर्तें रख दी हैं:
👉 “अखिलेश अकेले आएं, कोई और नहीं।”
उन्होंने साफ कहा है कि न उनकी पत्नी, न बेटा अब्दुल्ला, और न ही कोई अन्य व्यक्ति इस मुलाकात में शामिल होगा। यहां तक कि अखिलेश के साथ कोई नेता भी न हो — सिर्फ सिक्योरिटी रहे।
💔 “ईद पर मेरी बीवी अकेले रोती रही, किसी ने हाल नहीं पूछा” — आज़म खान
आजम की शिकायतें सिर्फ राजनीतिक नहीं, भावनात्मक भी हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके कठिन समय में साथ नहीं निभाया, न कोई फोन आया, न मुलाकात।
अब वो चाहते हैं कि अगर अखिलेश यादव उनसे मिलना चाहते हैं, तो इंसानियत और सम्मान के आधार पर आएं — बिना भीड़ के, बिना राजनीति के।
🤝 क्या ये मुलाकात पुरानी दोस्ती को नया मोड़ दे पाएगी या समाजवादी पार्टी में टूट का संकेत है?