अब उपभोक्ता नहीं, ऊर्जा निर्माता भी बन रहे हैं लोग

रायपुर। बदलते वक्त के साथ बिजली उपभोक्ता सिर्फ उपभोग तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि अब वो स्मार्ट उपभोक्ता बनकर ऊर्जा उत्पादन और बचत में भी भागीदारी निभा रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं और आधुनिक तकनीक के सहयोग से लोग सस्ती, स्वच्छ और सुगम बिजली का लाभ ले रहे हैं, साथ ही अतिरिक्त बिजली बेचकर आमदनी भी कमा रहे हैं।
सरगुजा जिले के गंगापुर निवासी सुरेंद्र शुक्ला इसी बदलाव के उदाहरण हैं। पहले हर महीने उनका बिजली बिल 4 से 5 हजार रुपये आता था। ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना’ की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से 6 प्रतिशत ब्याज पर ऋण लिया और आसान किस्तों में 6 किलोवाट का सोलर रूफटॉप पैनल लगवाया।
सोलर पैनल लगते ही बिजली बिल पूरी तरह खत्म हो गया। अब उनके घर की सारी दिनचर्या सूरज की ऊर्जा से संचालित होती है। स्मार्ट मीटर और ‘मोर बिजली’ एप के जरिए उन्हें हर पल की बिजली खपत और उत्पादन की जानकारी मिलती है। अतिरिक्त बिजली को बेचकर वे नियमित आय भी अर्जित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत उपभोक्ताओं को डबल सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है।
1 किलोवाट सोलर पैनल पर ₹30,000 (केंद्र) + ₹15,000 (राज्य) = ₹45,000
2 किलोवाट पर ₹60,000 + ₹30,000 = ₹90,000
3 किलोवाट पर ₹78,000 + ₹30,000 = ₹1,08,000
सुरेंद्र शुक्ला को इस योजना के तहत ₹1,08,000 की सब्सिडी मिली। आसान बैंक ऋण ने इसे और सहज बना दिया। उनके मुताबिक, यह योजना सौर ऊर्जा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि आम आदमी की आमदनी बढ़ाने का जरिया भी बन रही है।




