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रायपुर : बघेल ने पांच वर्षों के संघर्षों को याद किया

रायपुर : चुनाव संपन्न होने के अगले दिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर एक खुला पत्र जारी किया है। इस पत्र में भूपेश बघेल ने अपने अध्यक्ष बनने के बाद जनता के मुद्दों पर हुए पार्टी के आंदोलनों और संघर्षों को याद किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने जनता के प्रति आभार जताते हुए कहा है कि कांग्रेस ने जनता के हर मुद्दे को अपना मुद्दा माना।
फ़ेसबुक और ट्विटर पर जारी पत्र में उन्होंने कहा है कि देश में पहली बार कांग्रेस ने बूथ के अनुभाग के स्तर तक जाकर संगठन खड़ा किया और प्रशिक्षण के ज़रिए अपने कार्यकर्ताओं को सरकार के खिलाफ लडऩे के लिए तैयार किया। उन्होंने अपने पत्र में कहा है, मैं कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं का आभारी हूं जिन्होंने जनता की लड़ाई को अपनी लड़ाई बनाकर सडक़ों पर संघर्ष किया। गिरफ़्तारियां दीं, मामले मुक़दमे झेले, लाठियां खाईं और जेल तक गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पीएल पुनिया सहित सभी वरिष्ठ नेताओं के प्रति भी आभार जताया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का पत्र-आदरणीय छत्तीसगढ़वासियो, छत्तीसगढ़ में नई सरकार चुनने के लिए मतदान संपन्न हो गया है।

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आज मैं उस क्षण को याद करता हूं जब वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के कुछ समय बाद ही माननीया सोनिया गांधी ने और माननीय राहुल गांधी ने मुझे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा था. यह वह क्षण था जब हमने अभी नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल और उदय मुदलियार जैसे मूर्धन्य नेताओं सहित अपने कई साथियों को झीरम के कथित नक्सली हमले में खोया था. हम उस दुख से उबरे नहीं थे और अभी अभी हम एक भ्रष्ट और षडयंत्रकारी भाजपा के हाथों मात्र 0.73 प्रतिशत के अंतर से चुनाव हार गए थे।चुनौती बड़ी थी. लेकिन इन पांच वर्षों में कांग्रेस के ज़मीनी कार्यकर्ताओं और आप सबके सहयोग से हमने जनता के हर मुद्दे पर सडक़ पर लड़ाई लड़ी और विधानसभा में सरकार को घेरा. पिछले पांच बरस आप सबने जिस तरह से संघर्ष में कांग्रेस पार्टी का साथ दिया वह भावुक कर देता है।

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2014 के लोकसभा चुनाव होते ही रमन सरकार ने राशन कार्ड काटना शुरु किया. कांग्रेस ने प्रदेश भर में थानों में जाकर रिपोर्ट लिखवानी शुरु की, तब रुका राशन कार्ड काटने का सिलसिला।दाना दाना धान खऱीदी का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने किसानों से केवल10 क्विंटल धान खऱीदने की घोषणा की थी. कांग्रेस के आंदोलन के बाद 15 क्विंटल की धान खऱीदी शुरु हुई.किसानों को हर साल 300 रुपए बोनस देने का वादा था, बहुत संघर्षों के बाद यह वादा आधा अधूरा ही पूरा हुआ। भाजपा सरकार ने निजी कंपनियों के लिए मोबाइल टॉवर लगाने के लिए सरकार ने पंचायतों से 14 वें वित्त आयोग का 610 करोड़ निकाल लिया था. कांग्रेस की अपील पर ग्राम पंचायतों ने विरोध किया तब जाकर पैसा वापस मिला।

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भाजपा सरकार ने विधेयक पारित किया जिससे कि आदिवासियों की ज़मीन कोई ग़ैर-आदिवासी भी खऱीद सके. कांग्रेस की पहल पर आदिवासी समाज के विरोध के बाद सरकार को विधेयक वापस लेना पड़ा.नसबंदी कांड में माताओं की मौत का मामला हो या फिर आंखफोड़वा कांड में बुज़ुर्गों की आंखों की रोशनी छीनने का मामला, आपने कांग्रेस के हर संघर्ष में खुलकर साथ दिया. हमने भाजपा के नेताओं की गौशालाओं में सैकड़ों गौमाताओं की हत्या का पर्दाफ ाश किया और इसके खिलाफ संघर्ष किया।

हमने वनाधिकारों के लिए सडक़ों पर संघर्ष किया, पदयात्रा की. नगरनार संयंत्र को निजीकरण से बचाने के लिए पदयात्रा की, नोटबंदी के खिलाफ जनवेदना पदयात्रा की और भू-अधिग्रहण नीतियों के खिलाफ पदयात्रा में तो ख़ुद राहुल गांधी जी शामिल हुए थे. कुल मिलाकर इन पांच वर्षों में हमने करीब एक हज़ार किलोमीटर की पदयात्राएं कीं, जिससे कि आपकी बात बहरी सरकार के कानों तक पहुंच सके।
नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक हर मुद्दे पर हम व्यापारी भाइयों के साथ खड़े रहे, अनियमित कर्मचारियों, नर्सों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों और पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ हम सतत खड़े रहे. चिटफंड कंपनियों के ज़रिए पीडि़त हुए 21 लाख परिवारों के संघर्ष के साथ कांग्रेस खड़ी रही और वादा किया कि हम 10,000 करोड़ वापस दिलाएंगे।

आपके हर मुद्दे को हमने अपना मुद्दा माना और संघर्ष किया।विधानसभा में भी कांग्रेस के विधायकों ने बार बार सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया. जहां ज़रुरत पड़ी हम अदालत तक भी गए।हमारी लड़ाई एक भ्रष्ट और कमीशनखोर सरकार से रही है. आलम यह था कि मुख्यमंत्री को अपने मंत्रियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील करनी पड़ी कि एक साल के लिए कमीशनखोरी बंद करो. विडंबना है कि इसका असर हुआ नहीं।आज इन सब संघर्षों को याद करने का समय है. अन्याय को याद करने का समय है. विकास के नाम पर जो ठगी और लूट हुई है, उसे याद करने का समय है।

मैं कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं का आभारी हूं जिन्होंने जनता की लड़ाई को अपनी लड़ाई बनाकर सडक़ों पर संघर्ष किया. गिरफ़्तारियां दीं, मामले मुक़दमे झेले, लाठियां खाईं और जेल तक गए.मैं आभारी हूं कि छत्तीसगढ़ के प्रभारी आदरणीय पीएल पुनिया सहित मेरे सारे वरिष्ठ नेताओं ने हमेशा हमारा हौसला बढ़ाया और हर संघर्ष में वे साथ खड़े हुए. हमने पांच साल जनता की लड़ाई जनता के साथ मिलकर लड़ी. आरोप पत्र समिति ने इस सरकार के काले कारनामों का काला चि_ा जारी किया है. हम उन सभी मुद्दों पर लगातार लड़ते रहे। इस बीच हमने कांग्रेस पार्टी में एक महत्वपूर्ण काम किया और वह है बूथ स्तर पर संगठनों का गठन और प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अनुभाग स्तर तक पहुंचाने का काम. 2017 में जून के महीने से जो सेक्टर प्रभारियों की ट्रेनिंग और बूथ गठन का कार्यक्रम शुरु हुआ वह सितंबर तक सभी 90 विधानसभाओं तक पहुंच गया. कांग्रेस के कार्यकर्ता यह गर्व से कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां इस स्तर पर काम हुआ. इसके बाद हमने बूथ अध्यक्षों और सदस्यों को प्रशिक्षण देने के लिए संकल्प शिविरों का आयोजन किया जो 86 विधानसभाओं में सफलता पूर्वक हुआ. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने पूरे प्रदेश में एक एक कार्यकर्ता को भाजपा से लडऩे के लिए तैयार कर दिया। पहली बार लगा कि प्रदेश में संगठन चुनाव लड़ रहा है. हमारे कार्यकर्ता न केवल भाजपा को जवाब देते रहे बल्कि उन्होंनें मतदाताओं को भी भरोसा दिलाया कि कांग्रेस उनकी पीड़ा को समझ रही है और संघर्ष कर रही है.

आपके बताए अनुसार ही घोषणा पत्र तैयार किया. घोषणा पत्र में कर्ज माफ ी, बिजली बिल आधे करने और सभी को 35 किलो चावल देने जैसे वे सभी मुद्दे शामिल किए जो माननीय राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पहले से ही कह रहे थे. हम इस घोषणा पत्र को अक्षरश: लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम छत्तीसगढ़ की अमीर धरती के लोगों को गऱीबी से उबरकर अमीर बनने के अवसर पैदा करेंगे. हम नया छत्तीसगढ़ गढ़ेंगे।

मैं छत्तीसगढ़वासियों का अत्यंत आभारी हूं जिन्होंने कांग्रेस के संघर्ष में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया और कृतज्ञ हूं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का जिन्होंने कांग्रेस की एक नई छवि गढ़ी और साबित किया कि वे एक ऐसी पार्टी के सदस्य हैं जिसका अपना एक गौरवशाली इतिहास है।

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