छेरछेरा मांगने श्री दूधाधारी मठ पहुंचे भूपेश बघेल
अपने मुख्यमंत्रित्व काल में भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं परंपरा को सजाने संवारने एवं संगीन बनाने का कार्य किया है। इस परंपरा का निर्वाह करते हुए भूपेश बघेल गुरुवार 25 फरवरी को छेरछेरा पुन्नी के अवसर पर छेरछेरा मांगने के लिए रायपुर के दूधाधारी मठ पहुंचे। यहां द्वार पर पीठाधीश्वर महन्त रामसुन्दर दास महाराज ने अपने सहयोगियों सहित उनका बड़े ही आत्मीयता पूर्वक स्वागत किया।
दूधाधारी मठ पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने सबसे पहले मठ मंदिर में भगवान हनुमान जी, श्री बालाजी, गौ माता एवं स्वामी बलभद्र दास जी महाराज जी की समाधि स्थल व राम पंचायतन में पहुंचकर भगवान का दर्शन पूजन किया।
अन्न दान के साथ सवा लाख रुपए का चेक
दूधाधारी मठ पीठाधीश्वर महन्त रामसुन्दर दास महाराज ने मठ मंदिर ट्रस्ट की ओर से छेरछेरा पुन्नी के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को अन्न दान के साथ सवा लाख रुपए का चेक छेरछेरा के रूप में प्रदान किया। इस अवसर पर मठ मंदिर प्रशासन की ओर से उनका शॉल, श्रीफल, पुष्पमाला एवं पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया। साथ ही कीर्तन मंडली के सदस्यों ने भजन कीर्तन करते हुए उनकी अगवानी की एवं मठ मंदिर के विद्यार्थियों ने स्वस्तिवाचन कर मंगल कामनाएं की।
इस अवसर पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने छेरछेरा त्यौहार को छत्तीसगढ़ की संस्कृति के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व का प्रतिपादन करते हुए कहा कि इस त्योहार से व्यक्ति के अहंकार का समन होता है। हमेशा मांगने वाला व्यक्ति देने वाला से छोटा होता है व्यक्ति अपने अहंकार को त्याग कर मांगने के लिए जाता है यह हमारी सनातन आध्यात्मिक परंपरा का अंग है।
वहीं महन्त रामसुंदर दास ने इस अवसर पर भूपेश बघेल को बधाई के साथ शुभकामनाएं दी और कहा कि आपने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है और इस परंपरा का अभी भी निर्वाह कर रहे हैं यह स्वागत के योग्य कदम है।
भूपेश बघेल के दूधाधारी मठ आगमन के अवसर पर मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार प्रदीप शर्मा, गिरीश देवांगन, एजाज ढेबर, गिरीश दुबे, विनोद तिवारी, सन्नी अग्रवाल , सुशील आनंद शर्मा,श्री अजय तिवारी, विजय पाली, दाऊ मंगल विनोद अग्रवाल , राम छवि दास,सुखराम दास , हेमंत दुबे, राम तीरथ दास ,सचिन शर्मा, सत्यनारायण नायक, ममता राय, लालू गोस्वामी ,मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य लोगों की उपस्थिति थी।