
रायपुरा : गढ़चिरौली में हुई घटना के बाद छत्तीसगढ़ में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। ऐसी आशंका है कि यहां भी नक्सली बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। नक्सल डीडी डीएम अवस्थी ने सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के आदेश दिए है। ऐसी जानकारी आ रही है कि नक्सलियों ने सुकमा के जगरगुड़ा में साप्ताहिक बाजार से आ रहे व्यापारियों को धमकी दी है। इस मामले में हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस ने अपनी तैयारियां शुरु कर दी है।
नक्सल डीडी डीएम अवस्थी ने सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के आदेश दिए है
नक्सल प्रभावित इलाकों में खासा सतर्कता बरती जा रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बलों को महाराष्ट्र से लगे हुए इलाकों में खासी सतर्कता बरतने का कहा गया है। इसके अलावा राज्य के 14 नक्सल प्रभावित जिलों में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 14 नक्सलियों के मारे गए है। वहां पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस को यह कामयाबी मिली है
2) रायपुर : नेशनल लोक अदालत में एक ही दिन में निपटे 1028 मामले
रायपुर : जिला न्यायालय रायपुर में आज आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में एक ही दिन में 1028 मामले निराकृत हुये। इनमें से कई मामले लंबे समय से न्यायालय में लंबित थे और आज मामलों के पक्षकारों ने आपसी राजीनामे से मामलों का निराकरण कराया और अपने बीच के आपसी बैर को हमेशा के लिये समाप्त कर लिया।
लंबे समय से न्यायालय में लंबित थे
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर जी के निर्देश एवं मार्गदर्शन में आज रायपुर जिला न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। प्रात: 10 बजे रायपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला ने दीप प्रज्वलित कर लोक अदालत का उद्धाटन किया। माननीय जिला न्यायाधीश सांखला ने अपने उद्बोधन में कहा कि, हमारे देश में शत प्रतिशत लोग साक्षर नहीं है और जो लोग साक्षर है वह विधिक रूप से साक्षर नहीं है, इसलिये लोगों में विधि एवं लोक अदालत के संबंध में जागरूक किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
नीलम चंद सांखला ने दीप प्रज्वलित कर लोक अदालत का उद्धाटन किया
हमें लोगों को बताना होगा कि छोटी-छोटी बातों को हम घर की दहलीज में ही निपटा लें, बाहर न लाने दे और यदि बात बढ़ भी जाये तो उसे आपसी राजीनामा से निपटा लें, यही लोक अदालत की सार्थकता है। इस अवसर पर राज्य विधिज्ञ परिषद के सदस्य के के शुक्ला, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र महापात्र, ने भी संबोधित किया।
सभी ने उपस्थित पक्षकारों, अधिवक्ताओं एवं सभी अधिकारियों से लोक अदालत में अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करने की अपील की। नेशनल लोक अदालत के उद्घाटन सत्र पर उपस्थित जन समूह के प्रति विशेष न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने आभार व्यक्त किया। उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव उमेश उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर रायपुर में पदस्थ सभी न्यायाधीशगण, कर्मचारीगण मौजूद थे।
अब्दुल जाहिद कुरैशी ने आभार व्यक्त किया
इस नेशनल लोक अदालत को आम जनता का अपार समर्थन प्राप्त हुआ। सुबह दस बजे से ही भीषण गर्मी के बावजूद अपार जन समूह न्यायालय परिसर में उमड़ पड़ा। दोपहर होते होते न्यायालय पक्षकारों एवं आम जनता से खचाखच भरा हुआ था। कई न्यायालयों के सामने भारी भीड थी। न्यायालय परिसर में जगह-जगह पर स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था की गयी।
बाहर से आने वाले पक्षकारों के लिए नि:शुल्क दाल-भात का स्टाल लगाया गया था, जिसमें लोगों ने भरपेट भोजन किया, एवं भारी जन समुदाय को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य शिविर का भी स्टॉल लगाया गया था जिसमें पक्षकारगण ने अपना नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया।
नि:शुल्क दाल-भात का स्टाल लगाया गया था,
नेशनल लोक अदालत में सुनवाई हेतु लगभग 9000 मामले नियत किए गए थे जिसमें 1028 मामले अंतिम रूप से निराकृत हुए। इनमें से कई मामले ऐसे थे जो लंबे समय से न्यायालय में लंबित थे। इसके अतिरिक्त न्यायपीठों के समक्ष लगभग 5091 प्री-लिटिगेशन मामले भी सुनवाई हेतु रखे गए थे, जिनमें बड़ी संख्या में मामलों का निराकरण हुआ।
लोक अदालत के समापन अवसर पर जिला न्यायाधीश महोदय ने सभी पक्षकारों, अधिवक्तागण को धन्यवाद दिया एवं स्थापना के न्यायाधीशगण एवं न्यायिक कर्मचारियों को भी लोक अदालत के सफलतापूर्वक आयोजन पर बधाई दी और उन सभी पक्षकारों को भी धन्यवाद ज्ञापित किया जिन्होने आपसी समझौते पर आधारित इस लोक अदालत की व्यवस्था का लाभ उठाया और इस आयोजन को सफल बनाया।
पगारिया बंधुओं के बीच हुआ राजीनामा–
रायपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला के न्यायालय में रायपुर के जाने माने पगारिया बंधुओं के मध्य चल रहे एक चर्चित मामले का राजीनामा के आधार पर निराकरण हुआ। रायपुर के सुशील चंद्र पगारिया और गजराज पगारिया के मध्य चल रहे मामले में स्वयं जिला न्यायाधीश ने समझौता कराया है और उनके द्वारा समझौता कराए जाने का यह परिणाम हुआ कि पगारिया बंधुओं ने अन्य न्यायालयों में चल रहे मामलों में भी समझौता कर मामले समाप्त करने पर सहमति जताई।
लगभग दस साल पुराना मामला समाप्त।
जवाहर नगर रायपुर के गिरीश जैन ने अपने मकान को सतीश दानी से सौदा किया था। इसके एवज में गिरीश जैन को बकाया की राशि प्राप्त हो गयी थी और मकान का कब्जा सौंप दिया गया था, किंतु मकान की रजिस्ट्ी को लेकर वादी और प्रतिवादी में विवाद हो गया। इसी कारण वादी द्वारा संविदा के विशिष्ट पालन हेतु न्यायालय में दावा पेश किया, मामला लगभग 10 साल से चल रहा था, जो आज नेशनल लोक अदालत में चन्द्रकुमार कश्यप प्रथम अति. जिला न्यायाधीश के चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश रायपुर की खंडपीठ द्वारा दोनो पक्षकार के आपसी समझौता होने से खत्म हुआ।
राजीनामा के शर्तों के अनुसार वादी ने 8,01,000/-रूपये का चेक प्रतिवादीगण को प्रदान किया, जिसके एवज में प्रतिवादीगण ने वाद संपत्ति का विक्रय पत्र एक माह के भीतर निष्पादित कराना स्वीकार किया। इस प्रकार, लगभग दस साल पुराने प्रकरण का सुखद निराकरण हुआ, और लोक अदालत की सबसे बड़ी विशेषता के अंतर्गत प्रतिवादीगण को उनके क्षति दावा के बदले में अदा किया गया 2,60,000/-रूपये का कोर्ट फीस व वादी को उसके दावे का कोर्ट फीस भी 2,86,940/-रूपये इस प्रकार कुल 5,46,940/-रूपये का कोर्ट फीस पक्षकारगण को लोक अदालत के माध्यम से वापस प्राप्त होने का आदेश न्यायालय के द्वारा दिया गया।
दस साल पुराना मोटर दुर्घटना दावा हुआ निराकृत
अरविन्द कुमार अति. मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण के न्यायालय रायपुर में
दस साल पुराना मामला मधु सिन्हा वगैरह विरूद्ध नन्दू नागरची के प्रकरण दिनांक 4.3.2008 को 17,46,000/-रूपये का दावा आवेदिका के द्वारा न्यायालय में पेश किया गया था जिसमें 3,00,000/-रूपये में पक्षकारों के बीच आपसी समझौता कर प्रकरण को निराकृत कराया गया। इस मामले में पक्षकार कई आवेदनों के संबंध में उच्च न्यायालय तक गये। दोनों पक्षों ने लगभग 10 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी और अंतत: इस नेशनल लोक अदालत में न्यायाधीश अरविंद कुमार के समझाने पर समझौते से मामले को खत्म किया।
दस साल पुराना चेक बाउन्स का मामला हुआ निराकृत
विनय कुमार प्रधान न्यायिक मजिस्ट्ठै प्रथम श्रेणी रायपुर के न्यायालय में राजेश मूदडा और मोती प्रजापति के बीच चल रहा 80,000/-रूपये का चेक बाउन्स का मामला आज नेशनल लोक अदालत में दोनों पक्षकारों के बीच आपसी राजीनामे के आधार पर समाप्त हुआ। न्यायालय ने पक्षकारों के बीच 1,05,000/-रूपये में स्वेच्छापूर्वक समझौता कराया जिसमें अभियुक्त, ने परिवादी को आज 40,000/-रूपये नगद प्रदान किये तथा शेष राशि एक माह के भीतर अदा करने पर समझौता हुआ।
घरेलू हिंसा के प्रकरण में हुआ समझौता-
विनय कुमार प्रधान न्यायिक प्रथम श्रेणी रायपुर के न्यायालय में आज नेशनल लोक अदालत में घरेलू हिंसा के मामले में श्ंाकर नगर निवासी पक्षकार ने स्वेच्छापूर्वक राजीनामा किया जिसमें आवेदिका पिछले 10 साल से अपने पति से अलग रह रही थी आवेदिका व अभियुक्त के दो बच्चे हैं। पक्षकारगण को न्यायालय के द्वारा समझाईश देने पर दोनों आपसी समझौता कर आज हंसते हुए अपने घर गए।
आंकड़े एक नजर में:-
नेशनल लोक अदालत में सुनवाई हेतु रखे गए कुल न्यायालयीन मामले -4074
निराकृत हुए कुल मामले – 836
निराकृत हुए मामलो का वर्गीकरण-
राजीनामा योग्य आपराधिक मामले- 207
चेक बाउंस के मामले – 266
दुर्घटना दावा प्रकरण – 54
सिविल वाद – 108
विद्युत अधिनियम से संबंधित मामले- 185
विवाह से संबंधित मामले- 14
रखे गये प्री लीटिगेशन मामले – 7863
निराकृत मामले – 192
कुल सभी मामलों में समझौता राशि – 13,95,95,342/- (अक्षरी तेरह करोड़ पंचान्बे लाख पंचान्बे हजार तीन सौ बयालिस रूपये)।