भारत बना वैश्विक अर्थव्यवस्था का रफ्तारदार इंजन: OECD ने 2025 के लिए GDP अनुमान बढ़ाया

वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्ती के बीच भारत एक बार फिर उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 2025 के लिए 6.7% कर दिया है, जो पहले के 6.3% से कहीं अधिक है। इस तेजी ने अमेरिका (1.8%) और चीन (4.9%) जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ दिया है, जिससे भारत की मजबूती और आर्थिक स्थिरता का एक और प्रमाण मिला है।
घरेलू मांग और टैक्स सुधारों ने दिखाई ताकत
OECD का कहना है कि भारत की इस गति के पीछे मजबूत घरेलू मांग और GST में हुए ताज़ा सुधार सबसे बड़े कारक हैं। GST काउंसिल द्वारा 5% और 18% टैक्स स्लैब में बदलाव के कारण आम उपभोक्ता को राहत मिली है, जिससे बाजार में खर्च बढ़ा है।
सरकार की ओर से 12 लाख तक की आय पर इनकम टैक्स छूट बढ़ाने से मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति में इज़ाफा हुआ है, जिसने घरेलू खपत को और गति दी है। यही खपत आज भारत की आर्थिक वृद्धि का मुख्य इंजन बन चुकी है।
वैश्विक चुनौतियां बरकरार, लेकिन भारत मजबूत
हालांकि, भारत के निर्यात क्षेत्र पर अमेरिकी टैरिफ का असर साफ देखा जा रहा है। अमेरिका ने भारत पर 50% तक के टैरिफ लगाए हैं, जो ब्राजील के बाद सबसे ज़्यादा हैं। यह भारत के एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड मैन्युफैक्चरिंग के लिए चुनौती बन सकते हैं, लेकिन घरेलू मांग उस गिरावट को संतुलित कर रही है।
अमेरिका-चीन की धीमी चाल
जहां भारत तेजी से बढ़ रहा है, वहीं अमेरिका और चीन दोनों की अर्थव्यवस्थाएं सुस्त नजर आ रही हैं।
अमेरिका की 2025 में विकास दर 1.8% और 2026 में 1.5% रहने का अनुमान है।
चीन की GDP वृद्धि 4.9% पर रहने की उम्मीद है, जो पहले की तुलना में काफी धीमी है।
दुनिया की निगाहें अब भारत पर हैं। एक तरफ जहां वैश्विक शक्तियां मंदी और व्यापारिक तनावों से जूझ रही हैं, वहीं भारत सुधारों, मांग और स्थिरता के दम पर नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।