रायपुर : सदन में गूंजा शराब बंदी का मुद्दा

रायपुर : मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को विधानसभा में शराब बंदी का मुद्दा गूंजा। बसपा सदस्य श्रीमती इंदू बंजारे ने प्रश्रकाल में यह मुद्दा उठाते हुए आबकारी मंत्री से सवाल किया गया कि कांग्रेस सरकार के घोषणा पत्र में प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी बात प्रमुखता में थी, लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद अब तक शराब बंद नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी को लेकर सरकार ने अभी तक क्या कदम उठाए है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा की अनुपस्थिति में मोहम्मद अकबर ने इसका जवाब देते कहा कि शराब बंदी को लेकर सरकार काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए तीन कमेटी का गठन भी किया गया है। इन कमेटियों की रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल शराब बंदी की प्रक्रिया प्रचलित है। जनता कांग्रेस छग के सदस्य धर्मजीत सिंह ने इस मुद्दे पर प्रश्र करते हुए कहा कि शराब बंदी प्रदेश की महिलाओं की चिंता है।
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उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार द्वारा राज्य को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए विज्ञापन, होर्डिंग्स आदि छपवाये जा रहे है, तो वहीं दूसरी ओर अब शराब प्लास्टिक की बोतल में बेची जा रही है। धर्मजीत सिंह ने मंत्री से सवाल किया कि शराब बंदी को लेकर कौन सी प्रक्रिया चल रही है और जो कमेटियां बनाई गई है उनके द्वारा कब तक रिपोर्ट दी जाएगी। इसके जवाब में मंत्री श्री अकबर ने कहा कि तीन कमेटी में एक राजनीतिक दल की कमेटी भी बनाई गई है। जिसमें सदन में मौजूद सत्ता पक्ष के अलावा विपक्षी दलों के सदस्यों को भी शामिल कराया गया है। उन्होंने कहा कि शराब बंदी को लेकर विपक्षी दलों की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
बसपा सदस्य इंदू बंजारे ने अपने लिखित मुल प्रश्र में आबकारी मंत्री से यह भी जानना चाहा था कि प्रदेश में कितनी देशी एवं विदेशी शराब की दुकानें है तथा वर्ष 2018 से मई 2019 तक शासन को शराब के विक्रय से कितना लाभ प्राप्त हुआ है। आबकारी मंत्री ने इसके लिखित उत्तर में बताया है कि प्रदेश में 338 देशी एवं 312 विदेशी शराब दुकान संचालित है तथा उक्त प्रश्रावधि में शराब के विक्रय से शासन को 6206.5 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।