रायपुर : खेतों में खड़ी फसल को आवारा मवेशियों द्वारा पहुंचाये जा रहे नुकसान से ग्रामों में आक्रोश पनपने लगा है। आरंग तहसील क्षेत्र के ग्राम नारा के बाद भानसोज में आयोजित आसपास के ग्रामों के प्रबुद्ध एवं जागरूक किसानों की बैठक में भी यह आक्रोश दिखा। शासन-प्रशासन द्वारा इन मवेशियों को ग्रामों से तत्काल बाहर कर किसानों को फौरी राहत न देने पर किसान आंदोलन की तैयारी में है और इसके लिये ग्रामों में निरंतर बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
ज्ञातव्य हो कि ग्रामों में घूम रहे आवारा मवेशियों से खेतों में खड़ी धान की फसल को काफी नुकसान पहुंच रहा है। किसी-किसी ग्राम में तो इनकी तादाद 150 से 200 के बीच है। ग्रामों में इन आवारा मवेशियों को न तो रखने की जगह है और न ही इनके देखभाल करने की आर्थिक स्थिति। गौशालाओं ने इन्हें रखने से हाथ खड़ा कर दिया है। शासन द्वारा इन्हें रखने गौ अभ्यारण्य बनाने की घोषणा कर तैयारी भी शुरू कर दी गयी है पर इसमें वक्त लगेगा और फिलहाल किसानों को फसल बचाने इन मवेशियों को तत्काल ग्रामों से बाहर हकलाने की जरूरत है पर इसमें शासन-प्रशासन अडंगा डाल रहा है।
एक ग्राम से दूसरे ग्राम हकलाने पर दोनों ग्राम के ग्रामिणों के बीच तनाव पैदा होता है और शासन-प्रशासन इन पशुओं को कहा भेजना है, इसकी जानकारी भी गुहार के बाद किसानों को नहीं देता। बीते दिनों 150-200 आवारा पशुओं से हलाकान ग्राम नगपुरा के किसान मंदिर हसौद थाना पहुंचे पर थाना अमला से इस समस्या से निजात दिलाने पर अपनी असमर्थता व्यक्त करते हुये जिला प्रशासन के सामने अपनी समस्या रखने का सुझााव दिया। बीते सोमवार को यहां के ग्रामीणों द्वारा जिलाधीश को ज्ञापन सौंपने के बाद भी हालात जस की तस होने की जानकारी बैठक में दी गयी।
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बैठक में बाहर से आने वाले इन आवारा पशुओं का प्रभावी प्रबंधन न होने से ग्राम के किसानों द्वारा अपने वृद्ध व निरूपयोगी मवेशियों को भी खुला छोड़ देने की बाद सामने आयी। इस संबंध में निर्णय लिया गया है कि ऐसे ग्रामीणों को शासन से मिलने वाली समस्त लाभों को निलंबित रख इनसे वंचित रखा जावे व इस संबंध में ग्रामसभा व पंचायत से प्रस्ताव पारित किया जावे व शासन-प्रशासन को इन संबंध में कानून बना लागू करने का आग्रह किया जावे।
बैठक में शासन-प्रशासन को आगाह करने मौजूदा ग्राम की ओर से ज्ञापन सौंपने व हरेक 10-15 ग्रामों के बीच किसानों की बैठक क्रमानुसार आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। ग्राम भानसोज के सहकारी समिति के उपाध्यक्ष भूखन साहू व सक्रिय युवा द्रोण चंद्राकर के अगुवाई में आयोजित इस बैठक में ग्राम भानसोज, बरछा, मालाडीह, जावा, करहीडीह, टेकारी, खम्हरिया, नारा, डिधारी, भोथली, संडी, खौली आदि के ग्राम प्रमुख मौजूद थे। ज्ञातव्य हो कि इसके पूर्व ग्राम डिधारी के किसानों की पहल पर इस समस्या को ले ग्राम नारा में किसानों की बैठक आयोजित की गयी थी।
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