रायपुर : पुलिस कर्मियों की मांगों को लेकर उनके परिवार व सदस्यों ने शासन के खिलाफ फूंका बिगूल

रायपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में निचले तबके के पुलिस कर्मियों के परिवार एवं सदस्यों ने शासकीय विभाग के अन्य कर्मचारियों को शासन की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की तरह पुलिस कर्मियों को भी सुविधाएं देने की मांग को लेकर मोर्चा खोलते हुए 25 जून को राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। इस संबंध में उनके द्वारा अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी को आवेदन देकर धरना स्थल पर ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग करने की अनुमति मांगी है।
छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग
पुलिस कर्मियों के परिवार एवं सदस्यों द्वारा धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। सोशल मीडिया में पुलिस कर्मियों के परिवार एवं सदस्यों द्वारा जारी किये गये मांग पत्र में उनके द्वारा पुलिस कर्मियों की ओर से लिखा गया है कि हम भी इंसान हैं, हमें भी दर्द होता है। दिन-रात समाज की सेवा सुरक्षा करते-करते ये भी भूल जाते हैं कि हमारा परिवार सुरक्षित है या नही फिर भी हमे हर बार अनुशासन के नाम पर ठगा जाता है।
ज्ञापन भी सौंपा जाएगा
पर अब गुलामी मंजूर नही या तो हमारा विभाग बदलेगा या हम अपना विभाग बदल देंगे। उपरोक्त मांगों को अगर राज्य शासन अनसुना करती है तो छत्तीसगढ़ के समस्त पुलिस कर्मचारीगण चुनाव के पहले नो वर्क नो पे में जाकर चुनाव का बहिष्कार करेंगे फिर चाहे समाज की व्यवस्था गड़बड़ाए या चुनाव रुके इसके जिम्मेदार राज्य के मुख्यमंत्री होंगे।
यह है मांगे:
चुनाव का बहिष्कार
1.राज्य के सभी तृतीय वर्ग के पुलिस कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते केंद्र सरकार के तृतीय वर्ग कर्मचारियों की तरह दिए जाएं।
2.राज्य के सभी तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के आवास की समुचित ब्यवस्था उपलब्ध बल के अनुरूप की जाए।
3.शासकीय कार्य हेतु वर्तमान में सायकल भत्ता दिया जा रहा हूं उसे पेट्रोल भत्ता करते हुए कम से कम 3000 रुपये दिया जाए।
4.पुलिस किट ब्यवस्था को मध्यप्रदेश की तरह बंद कर किट भत्ता दिया जाए।
5.ड्यूटी के दौरान मरने वाले कर्मचारी को शहीद का दर्जा देते हुए मध्यप्रदेश की तरह 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि व परिवार के 1 सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए।
6.अवकाश की पात्रता को अन्य विभागों की तरह अनिवार्य किया जाए और सप्ताह में एक दिन छुट्टी निश्चित की जाए ।
7.अन्य विभागों की तरह राज्य के तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के परिवार के मुफ्त इलाज की ब्यवस्था प्रदान की जाए।
8.अन्य विभागों की तरह पुलिस के ड्यूटी करने का समय 8 घंटे निश्चित किया जाए और निर्धारित समय से ज्यादा कार्य लेने पर अतिरिक्त भुगतान दिया जाए।
9.नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात बल को उच्च मानक के सुरक्षा उपकरण जैसे बुलेट प्रूफ जैकेट व अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाये।
10. मध्य प्रदेश पुलिस की तरह वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन दिया जाए पुलिस जवान को उसके सेवाकाल में कम से कम तीन प्रमोशन अनिवार्य रूप से किया जाये
11. छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारियों के ग्रेड पे में अंतर है पटवारी का ग्रेड पे 2400 नर्सिंग स्टाफ का ग्रेड पे 2800 और आरक्षकों का ग्रेड पे 1900 यह अन्याय है पुलिस जवानों का ग्रेड पे भी 2800 होना चाहिए ।