151 दिन बाद ग्वालियर में दबोचा गया रायपुर का कुख्यात सूदखोर वीरेंद्र सिंह तोमर! भाई अब भी फरार

रायपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूदखोरी, रंगदारी और अवैध हथियार रखने के आरोप में फरार चल रहे हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी तोमर को ग्वालियर (मध्य प्रदेश) से गिरफ्तार कर लिया है।
रूबी तोमर पिछले 151 दिन से पुलिस को चकमा दे रहा था।
पुलिस आरोपी को सड़क मार्ग से रायपुर ला रही है, जबकि उसका भाई रोहित तोमर अब भी फरार है। पुलिस की कई टीमें रोहित की तलाश में जुटी हैं। आज रविवार को रायपुर पुलिस के अधिकारी रूबी की गिरफ्तारी का औपचारिक खुलासा करेंगे।
कर्ज के नाम पर लूट — फिर धमकी, मारपीट और संपत्ति पर कब्जा
रायपुर का कुख्यात अपराधी वीरेंद्र सिंह उर्फ रूबी तोमर अपने भाई रोहित तोमर और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सूदखोरी का कारोबार चलाता था।
कर्जदारों से मोटा ब्याज वसूलना, पैसे न देने पर मारपीट और ब्लैकमेलिंग करना इनका पुराना तरीका था।
2006 में उस पर पहला मामला दर्ज हुआ था, और अब तक उस पर 6 से अधिक केस दर्ज हैं — जिनमें मारपीट, उगाही, चाकूबाजी, ब्लैकमेलिंग और आर्म्स एक्ट के तहत अपराध शामिल हैं।
छापेमारी में निकला 40 करोड़ का काला कारोबार
तोमर भाइयों की फरारी के बाद पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की।
जांच में 40 करोड़ की रजिस्ट्री, 3.5 करोड़ का सोना, और 10 लाख की चांदी बरामद हुई। साथ ही बैंक पासबुक, चेक और एटीएम कार्ड भी मिले।
पुलिस को शक है कि ये संपत्ति उन लोगों की है जिन्हें दोनों भाइयों ने सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग के जरिए फंसाया था।
रूबी और रोहित किसी को भी पैसा देने से पहले ब्लैंक चेक और दस्तावेज़ पर साइन व अंगूठा लगवाते थे। बाद में दबाव बनाकर उनकी जमीन, दुकान या गाड़ी अपने नाम कर लेते थे।
हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत, जमानत याचिका खारिज
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वीरेंद्र और रोहित तोमर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
हालांकि, दोनों की पत्नियों और भतीजे को जमानत मिल गई।
सरकारी वकील ने अदालत में बताया कि दोनों भाइयों पर करीब 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
रोहित तोमर उर्फ ‘गोल्डन मैन’ के खिलाफ रायपुर के कई थानों — राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती, कोतवाली और गुढ़ियारी — में 9 से अधिक केस दर्ज हैं।
उसका रसूख इतना था कि वह अक्सर अपने गिरोह के साथ स्थानीय कार्यक्रमों में नजर आता था।




