रायपुर : रमन ने कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना

रायपुर : अटल विकास यात्रा के तहत पिपरिया पहुंचे मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि कवर्धा के नतीजे सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं देखता, बल्कि इस पर देश की नजर होती है. मेरे लिए यह सबसे बड़ी इज्जत की बात है. मैं आज मुख्यमंत्री हूं, तो यहां की जनता के आशीर्वाद से ही हूं. मेरी पहचान कबीरधाम ने ही बनाई है. आज भी लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं कवर्धा से चुनाव कब लड़ूंगा. लेकिन मैं कहता हूं कि रमन कवर्धा से ही चुनाव लड़ता है. अंतर बस इतना है कि प्रतीक के रूप में मेरा कोई कार्यकर्ता कमल निशान से लड़ता है. उन्होंने कहा कि रमन को यदि मुख्यमंत्री बनाना है, तो कमल को जिताने की जवाबदारी आप सबकी है.
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मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि कवर्धा में एक नहीं बल्कि दो-दो कमल खिलाना है. पिछली बार हम छह हजार के अंतर से चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार 15-20 हजार की लीड से चुनाव जीतना है. रमन ने कहा कि आपको विकास चाहिए, आप विधायक दीजिए, विकास की गारंटी देने के लिए डाॅक्टर रमन आपके बीच खड़ा है. उन्होंने कहा कि आज जो कुछ भी हूं. इस मिट्टी का ही कर्ज है. चौथी बार सरकार बनाना है. कवर्धा के एक-एक व्यक्ति को यह निर्णय लेना होगा. रमन ने कहा कि विकास के इतने काम हो रहे हैं कि कबीरधाम का मान सम्मान दुनिया में बढ़ा है. आप सबको आज दृढ़ संकल्प लेना है कि कवर्धा की दोनों सीटों पर कमल खिले.

रमन ने कहा कि मैंने राजनीति का एबीसीडी कवर्धा से ही सीखा है. उस वक्त एक-एक किलोमीटर सड़क बनाने कितना संघर्ष झेलना पड़ा है. 40-50 साल इस क्षेत्र की उपेक्षा की गई, जो उपेक्षित जिला रहा आज उसी कवर्धा का नाम गौरव के साथ लेते हैं. विकसित जिले के रूप में कवर्धा की पहचान बनी है. इस विकास की शुरूआत बीजेपी सरकार में हुई. कांग्रेस के मित्र सिर्फ नारे लगाते रहे. गरीबी हटाओ-गरीबी हटाओ. छत्तीसगढ़ बनने के बाद तीन साल कांग्रेस की सरकार थी. उससे पहले भी 50 सालों से अधिक कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन गरीबों के लिए कांग्रेस ने कभी काम नहीं किया.
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कांग्रेस के मित्रों को बताना चाहूंगा कि हमने यूनिवर्सल हेल्थ स्कील बनाई, चावल देने की योजना बनाई, गैस-चूल्हा दिया, प्रधानमंत्री आावास योजना के तहत मकान देने की योजना बनाई. यह विकास है. कांग्रेस सरकार में गिट्टी और मिट्टी की सड़क मिलना भी मुश्किल था. यह पीड़ा झेली है कवर्धा के लोगों ने आज इसका बदला लेना है तो कांग्रेस की जमानत जप्त करा कर लेंगे. पूरी कठोरता के साथ, पूरी निर्ममता के साथ यह बताना है कि उपेक्षित किया, जिस क्षेत्र को पिछड़ा बनाकर रखा, उन्हें इस क्षेत्र में वोट मांगने का अधिकार नहीं बनता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के साथी नारे लगाते थे कि धान का बोनस देना होगा, लेकिन जब उनकी सरकार थी तब पानी में डूबा डूबाकर पांच क्विंटल धान खरीदते थे. बोनस नहीं मिलता था.
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वह आज नारे लगाते हैं. 2001 से 2003 तक सिर्फ दो हजार चार सौ करोड़ रूपए की धान खरीदी थी. आज 2018 में धान खरीदी 14 हजार करोड़ की होगी. यह सरकार की नीति और नियत का फर्क है. कहां ढाई हजार करोड़ और कहां चौदह हजार करोड़.रमन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास देखने की जरूरत नहीं है, इसका एहसास होता है. मुझे लगता है कि सड़क, पुल-पुलियां, बनाना ही विकास नहीं है. मैं मानता हूं कि वृद्धावस्था पेंशन देना बड़ी योजना है. महतारी एक्सप्रेस बड़ी योजना है, बेटियों के लिए साइकल देना बड़ी योजना है. 11 लाख गरीब आदमी के पक्के मकान का सपना पूरा होता है, बिजली का बल्ब जलता है. यह छोटी योजना नहीं है. इनसे जीवन में परिवर्तन आता है.
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