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रानीदाह जलप्रपात — जहाँ प्रकृति गाती है अपनी सबसे सुंदर धुन!

रायपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर की वादियों में बसा रानीदाह जलप्रपात हर मौसम में मोहक है, लेकिन इसका असली जादू मानसून के दौरान देखने को मिलता है। जब जलधाराएं प्रचंड वेग से गिरती हैं, चारों ओर हरियाली झूम उठती है, और प्रकृति अपने सबसे आकर्षक रूप में सामने आती है। 🌧️✨

यह स्थान एडवेंचर प्रेमियों, फोटोग्राफी के शौकीनों, और प्रकृति के दीवानों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं। झरने की गूंज, ठंडी फुहारें और हरी-भरी घाटियाँ हर आगंतुक को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

जशपुर जिला मुख्यालय से 15-25 किमी की दूरी पर स्थित, रानीदाह जलप्रपात घने जंगलों और ऊँची-नीची पहाड़ियों के बीच छिपा एक प्राकृतिक रत्न है। बरसात में जब जलधाराएँ विशाल चट्टानों से गिरकर नीचे जलकुंड बनाती हैं, तो यह नज़ारा किसी स्वप्न से कम नहीं लगता।

यहाँ की शांति, ताजगी और हरियाली इसे पिकनिक और प्रकृति प्रेमियों का आदर्श स्थल बनाती है।

रानीदाह की कहानी — प्रेम, त्याग और इतिहास का संगम

किंवदंती के अनुसार, उड़ीसा की रानी शिरोमणि अपने प्रेमी के साथ यहाँ आई थीं और भाईयों से बचते हुए इसी झरने के पास आत्मसमर्पण किया। इसी कारण इस स्थान का नाम पड़ा रानीदाह।

यहाँ आज भी रानी की समाधि और पंचमैया स्थल मौजूद हैं, जो उनके पाँच भाईयों की स्मृति का प्रतीक हैं। पास ही स्थित शिव मंदिर इस स्थान को धार्मिक आस्था से भी जोड़ता है। 🕉️

कैसे पहुँचे रानीदाह?

रानीदाह जलप्रपात जशपुर-आरा मार्ग पर लगभग 18 किमी की दूरी पर, मुख्य सड़क से 5 किमी अंदर स्थित है।
यहाँ तक आप सड़क मार्ग, रेल (रांची व अंबिकापुर स्टेशन) या हवाई यात्रा (रांची व रायपुर एयरपोर्ट) से आसानी से पहुँच सकते हैं।

जिला प्रशासन ने यहाँ व्यू प्वाइंट, सीढ़ियाँ और पिकनिक स्थल की व्यवस्था की है ताकि पर्यटक सुरक्षित रूप से प्रकृति की गोद में वक्त बिता सकें।

रानीदाह — प्रकृति, इतिहास और रोमांच का संगम

रानीदाह जलप्रपात सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि यह प्रकृति की गोद में बसा एक अद्भुत अनुभव है।
यहाँ आकर मनुष्य को शांति, पवित्रता और सौंदर्य का वह अनुभव मिलता है जो शहरों की हलचल में दुर्लभ है।

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