छग: बस्तर की 12 सीटों पर जीत से ही मिशन 65 प्लस को मिलेगी शत प्रतिशत -सौदान सिंह
जगदलपुर, भाजपा के मिशन 65 प्लस को अंजाम देने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने यह तय किया है कि ऐसा तभी संभव हो सकता है, जब बस्तर की बारह सीटों पर भाजपा की विजय हो। इसके चलते ही समय से पहले ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री को पूरी तैयारी के साथ बस्तर के तीन दिवसीय प्रवास पर भेजा है।
छग प्रभारी व राष्ट्रीय ओहदे के सौदान सिंह डाटा के साथ कार्यकर्ताओं और भाजपा के पदाधिकारी व संगठन के सदस्यों से चर्चा कर रहे हैं। यही नहीं वे सभी को इस बात का आश्वासन भी दे रहे हैं कि सराकर को यदि छग में चौथी पारी खेलनी है तो इसके लिए सबसे आवश्यक कड़ी कार्यकर्ता हैं। भरी बैठक में उन्होनें बस्तर जिले के कार्यकर्ताओं से कहा कि यदि आप चाहेंगे तो ही हम अगली सरकार बनाएंगे। राष्ट्रीय नेतृत्व के इस सवाल पर एक भी हाथ ऐसा नहीं था जो नहीं उठा सभी ने जीत के लिए मेहनत और अंजाम दिलाए जाने की बात पर मुहर लगाई। इससे पहले सौदान सिंह ने कहा कि भाजपा ने देश और राज्यों मेें जो किया है वो यदि विकास नहीं है तो फिर विकास क्या है।
कार्यकर्ताओं की बात भी सुनी
उन्होनें बस्तर और छग के परिपेक्ष्य मेें कहा कि इस राज्य में पहले हजार पुल पुलिया, सडक़ और स्कूल थे आज नौ हजार से अधिक हैं, यह विकास नहीं तो क्या है। सडक़ों का जाल है, शिक्षा का हब है। पूरी तैयारी से पहुंचे सौदान सिंह ने शिक्षा के स्तर को लेकर भी कहा कि अंदरूनी इलाकों तक अब प्राईमरी ही नहीं मीडिल और हाईस्कूल की भी व्यवस्था है। स्कूल जाने के लिए छात्राओं के पास साइकिल है। कार्यकर्ताओं से भी कहा गया कि वे अपने सवालों को सामने रखें। इस पर यह बात सामने आई कि सरकार की योजना अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच रही है। कहीं इसका क्रियान्यवयन नहीं हो रहा है तो कही पर योजनाओं को अंजाम देने के लिए माध्यम ही नहीं है।
उदाहरण के तौर पर प्लासटिक मनी। बिना नेटवर्क वाले इलाके में इस योजना को क्रियान्वित किया जाना संभव ही नहीं है। सौदान सिंह ने कार्यकर्ताओं सहित वरिष्ठ भाजपा के नेता और संगठन से जुड़े सदस्यों की बातों को भी सुना उन्होने कहा कि लोकसभा और विधानसभा में पार्टी की स्थिति अलग होती है। जिन इलाकों में हम विधानसभा में पिछड़ते हैं वहीं पर लोकसभा में हम आगे होते हैं।
टिकट का फैसला हाइ कमान करेंगे
दंतेवाड़ा जिले का उदाहरण देते इस बात को कहने के पीछे तात्पर्य यह स्पष्ट किया गया कि विधानसभा में दावेदारों की संख्या अधिक होती है और खींचतान भी। ऐसे में यह बात छनकर सामने आई कि कार्यकर्ताओं को पार्टी का काम करना है। प्रचार प्रसार करना है। टिकट किसे मिलता है इसका फैसला शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।
बस्तर जिले के बैठक के दौरान जगदलपुर सीट को लेकर भी सुगबुगाहट रही। इन बातों पर सौदान सिंह ने जिस हवा हवाई तरीके से सवाल सामने आए उसी तरह से जवाब देते सभी को निर्देशित किया कि पार्टी के आंतरिक मामले और खासकर टिकट जैसे विषय पर कार्यकर्ताओं को सार्वजनिक चर्चा नहीं करना चाहिए। पार्टी जिसे भी प्रत्याशी चुने जीत भाजपा की ही होनी चाहिए।
अफसरशाही पर कार्यकर्ताओं ने रखी बात
भाजपा के ग्रामीण क्षेत्रों के नेताओं ने अफसरशाही का रोना रोया और उनका कहना था कि जब तक अफसरशाही पर लगाम नहीं लगेगा कार्यकर्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पार्टी के बड़े नेताओं के अलावा छोटे नेताओं की पूछ परख इन दिनों अधिकारी कर्मचारी नहीं कर रहे हैं जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष व्याप्त है। जब संगठन के मंत्री स्तर के पदाधिकारी के घर को ही अफसर खाली करवा देते हैं तो फिर बाकी लोगो पर ये कितने हावी हैं यह कहने की आवश्यकता नहीं है।
सुभाष राव का बैग रहा चर्चा में
मालूम हो कि सौदान सिंह के तीन दिन के बस्तर प्रवास पर पहुंचने के साथ ही भाजपाई नेताओं के स्वागत सत्कार का दौर शुरू हो गया। स्थानीय नेता सबसे पहले सौदान सिंह के स्वागत में लगे इसके बाद अपने-अपने आकाओं के पीछे पड़ गए। ऐसे में सभी नेताओं का काफिला एयरपोर्ट से हॉटल के लिए रवाना हुआ। होटल तो पहुंच गए लेकिन जब रूम में सामान रखने की बारी आई तो सभी का सामान उनके कमरे में ले जाया गया। इस बीच प्रदेश कार्यालय मंत्री सुभाष राव भी अपने सामान का इंतजार कर रहे थे।
बताया गया कि उनका बैग उनकी गाड़ी में नहीं है। वे इस बात को लेकर परेशान हो गए कि उनका बैग एयरपोर्ट से कहा या किसके पास चला गया। पूछ पड़ताल जब शुरू हुई तो पता चला कि उनका बैग नागरिक आपूर्ती निगम की अध्यक्ष लता उसेण्डी की गाड़ी में गलती से चला गया है। उनके पीएसओ ने इस बैग की जानकारी दी फिर मामला सामान्य हुआ। इस बात की चर्चा भाजपा कार्यालय के आसपास जोरो पर रही। इस बात की हकीकत क्या है यह स्पष्ट नहीं है।