अमेरिका की नई सुरक्षा रणनीति से रूस खुश, ट्रंप ने खतरे की सूची से हटाया मॉस्को

यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष थमा नहीं है, लेकिन इसी बीच अमेरिका की नई नीति ने भू-राजनीतिक माहौल में बड़ा मोड़ ला दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी ताज़ा राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी करते हुए रूस को अब अमेरिका के लिए ‘बड़ा खतरा’ न मानने का फैसला किया है। यह कदम ओबामा और बाइडन सरकार की पुरानी सोच से बिल्कुल उलट माना जा रहा है।
ट्रंप की यह नीति ‘फ्लेक्सिबल रियलिज्म’—अर्थात परिस्थितियों के हिसाब से व्यवहारिक रणनीति—पर आधारित है। रूस ने खासी प्रसन्नता जताते हुए कहा है कि ट्रंप की सोच, राष्ट्रपति पुतिन की रणनीति से मेल खाती है। 2014 में क्रीमिया कब्जे और 2022 की यूक्रेन जंग के बाद अमेरिका लगातार रूस को आक्रामक खतरा बताता रहा, लेकिन अब समीकरण बदलते दिख रहे हैं।
नई सुरक्षा रणनीति में एक और बड़ा संकेत छिपा है—नाटो के विस्तार को रोकने का वादा। यह रूस के लिए सबसे बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। दस्तावेज़ में कहा गया है कि वॉशिंगटन मॉस्को से टकराव नहीं बढ़ाना चाहता, बल्कि रणनीतिक स्थिरता बनाए रखना चाहता है।
हालाँकि यूरोप में इस बदलाव को लेकर बेचैनी है। ट्रंप का कहना है कि यूरोप ‘सभ्यता संकट’ से गुजर रहा है, जबकि रूस भी यही मानता है कि यूरोपीय प्रभाव कमजोर पड़ रहा है। यूरोपीय देश चिंतित हैं कि अमेरिका शायद उन्हें सुरक्षा के मोर्चे पर अकेला छोड़ रहा है।
ट्रंप समर्थकों का दावा है कि यह कदम युद्ध खत्म करने की दिशा में है, वहीं आलोचकों का आरोप है कि यह पुतिन के प्रति झुकाव दर्शाता है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही ट्रंप की सोच अलग है, लेकिन अमेरिकी नौकरशाही—जिसे वह ‘डीप स्टेट’ कहते हैं—उनकी राह में रोड़ा बन सकती है।




