छत्तीसगढ़रायपुर

रेत के अवैध खनन एवं परिवहन पर सख्ती के निर्देश

रायपुर। प्रदेश में रेत के अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण लगाने तथा बरसात से पूर्व निर्माण एवं विकास कार्यों के सुचारु संचालन हेतु रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खनिज साधन विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख जिलों के कलेक्टरों एवं खनिज अधिकारियों की बैठक ली । बैठक में रेत से संबंधित गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा कर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि रेत के अवैध खनन एवं परिवहन में संलिप्त तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। इस अवसर पर खनिज संचालक श्री रजत बंसल भी उपस्थित थे।

सचिव श्री दयानंद ने कहा कि रेत के अवैध खनन व परिवहन को रोकने के लिए जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स के माध्यम से निरंतर निगरानी एवं कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व की हानि रोकना शासन की प्राथमिकता है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी।

सचिव श्री दयानंद ने निर्देशित किया कि स्वीकृत रेत खदानों का संचालन पर्यावरणीय स्वीकृति में निर्धारित अनुमेय मात्रा के अनुरूप विधिसम्मत रूप से किया जाए तथा खनिज राजस्व की समय पर वसूली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वीकृत खदानों से ही रेत का खनन एवं परिवहन हो तथा किसी भी अवैध स्त्रोत से आपूर्ति के मामले के कड़ी कार्रवाई की जाए।

बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि आगामी तीन माह में अधिकाधिक रेत खदानों को चिन्हांकित कर ई-नीलामी के माध्यम से आबंटन हेतु निविदा जारी की जाए। बड़ी मात्रा में रेत की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पाँच हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाली खदानों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत करने के निर्देश भी दिए गए।

पर्यावरणीय स्वीकृति के लंबित प्रकरणों की सतत समीक्षा करने एवं शीघ्र निराकरण की जिम्मेदारी कलेक्टर्स को सौंपी गई। इसके अतिरिक्त, 10 जून से 15 अक्टूबर तक लागू खनन निषेध अवधि को दृष्टिगत रखते हुए स्वीकृत भंडारण अनुज्ञप्तियों के माध्यम से रेत की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने हेतु अग्रिम योजना बनाने के निर्देश भी दिए गए।

प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिए आवश्यक रेत की आपूर्ति केवल अधिकृत स्त्रोतों से सुनिश्चित की जाए, इस पर भी विशेष बल दिया गया। सचिव श्री दयानंद ने यह भी स्पष्ट किया कि खनिज अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली में रेत प्रबंधन से संबंधित निर्देशों के पालन को एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन बिंदु के रूप में शामिल किया जाएगा।

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