अचानक छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा बदलाव हुआ.
कांग्रेस में बड़ा बदलाव
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रायपुर । प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता और विधायक मोहन मरकाम की जगह बस्तर से लोकसभा संसद दीपक बैज को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी गई है. इसे लेकर प्रदेश में चुनावी बाजार गर्म हो गया है. भाजपा ने इसे लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है. छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मोहन मरकाम के लिए इसे अपमान करार दिया है. दीपक बैज को नया कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा- दीपक बैज हमारे सांसद साथी हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनने पर मैं उन्हें बधाई देता हूं, लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी ने मोहन मरकाम को पद से हटाया है यह न केवल मोहन मरकाजिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी ने मोहन मरकाम को पद से हटाया है यह न केवल मोहन मरकाम का अपमान है बल्कि एक आदिवासी बेटे का भी अपमान है. उन्होंने अपने सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया, इस कारण से उन्हें पद से हटाना पड़ा और लगातार मोहन मरकाम को कांग्रेस के अंदर अपमानित होना पड़ा. उनके संवैधानिक अधिकारों का उपयोग उन्हें करने नहीं दिया.उनके किए गए नियुक्ति को निरस्त कराने का काम किया और अंततः भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार को सजग करने के कारण उन्हें अपमानित होकर कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटना पड़ा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदलाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री को संगठन में अपना यसमेन चाहिए इसलिए दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. मोहन मरकाम को हटाकर दीपक बैज को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना कांग्रेस की चरम पर पहुंची गुटबाजी का नतीजा है. इससे कांग्रेस में गुटबाजी और बढ़ेगी. जून 2019 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बस्तर से आने वाले आदिवासी नेता और विधायक मोहन मरकाम को तत्काल प्रभाव से छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया था. अब 4 साल बाद उन्हें इस पद से हटाया गया है.
छत्तीसगढ़ की राजनीति में कहते हैं कि प्रदेश की सत्ता का रास्ता बस्तर से होकर जाता है। जिसने बस्तर जीत लिया, उसने छत्तीसगढ़ जीत लिया। यहां पर विधानसभा की 12 सीटें हैं। अभी सभी सीटों पर कांग्रेस का ही कब्जा है। ऐसे में मोहन मरकाम को अध्यक्ष पद से हटाकर पार्टी बस्तर से प्रतिनिधित्व छीनकर नुकसान नहीं करना चाहती थी। सियासी टकराव को देखते हुए इस नफा-नुकसान में सांसद दीपक बैज सही उम्मीदवार थे। साफ-सुथरी छवि वाले दीपक बैज का नाम कभी विवादों में नहीं रहा। सांसद को जिम्मेदारी से संगठन में विरोध के स्वर भी नहीं उठेंगे।
प्रदेश कांग्रेस में मोहन मरकाम को जिम्मेदारी मिलने के बाद दो साल तक सब कुछ ठीक रहा। इसके बाद सीएम और मरकाम के बीच मतभेद की खबरें आने लगीं। बताया जा रहा है कि संगठन में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति जब की गई तब सीएम भूपेश बघेल से राय-मशविरा नहीं किया गया। यह भी कहा गया कि चुनाव में पार्टी के विरोध में काम करने वालों को बड़ा पद दिया गया। इसके अलावा अन्य बदलाव के दौरान सत्ता और संगठन में दूरी बढ़ने लगी। इस दौरान प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से भी संगठन में बदलाव को लेकर अनबन होने की बात सामने आई।