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ढलती उम्र को मिला संबल: बैकुंठपुर का बुजुर्ग स्वास्थ्य केंद्र बना सैकड़ों वृद्धजनों की नई ताकत

रायपुर। वरिष्ठ नागरिकों की सेहत और सम्मानजनक जीवन को ध्यान में रखते हुए कोरिया जिले के जिला अस्पताल परिसर, बैकुंठपुर में शुरू किया गया प्रदेश का पहला बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल केंद्र आज वृद्धजनों के लिए भरोसे का दूसरा नाम बन चुका है। उम्र के साथ बढ़ती शारीरिक पीड़ा, चलने-फिरने में कठिनाई और सामान्य इलाज के लिए लंबा इंतज़ार—इन सभी समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से इस विशेष केंद्र की स्थापना की गई थी, जो अब पूरी तरह सार्थक सिद्ध हो रही है।

राज्य सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल में स्वास्थ्य सहित कई जनकल्याणकारी पहलों का सकारात्मक असर दिख रहा है। इसी क्रम में शुरू हुआ यह केंद्र विष्णु देव साय की संवेदनशील सोच और स्वास्थ्य मंत्री के मार्गदर्शन का परिणाम है। प्रशासन का मानना है कि जब योजनाओं का सीधा लाभ ज़रूरतमंदों तक पहुँचे, तभी सुशासन का वास्तविक अर्थ सिद्ध होता है।

1 अक्टूबर, अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर प्रारंभ हुए इस केंद्र में अब तक 889 बुजुर्गों ने जांच और उपचार कराया है। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। अत्याधुनिक मशीनों, फिजियोथेरेपी, पंचकर्म और सहयोगी वातावरण के कारण बुजुर्गों को अब इलाज के लिए बाहर भटकना नहीं पड़ रहा है।

केंद्र में उपलब्ध ट्राइ-साइकिल, बैलेंस बोर्ड, ट्रेडमिल, मसाज चेयर, ट्रैक्शन मशीन जैसी सुविधाएं न केवल शारीरिक दर्द में राहत दे रही हैं, बल्कि आत्मविश्वास भी लौटा रही हैं। बुजुर्गों का कहना है कि यहां इलाज के साथ सम्मान और अपनापन भी मिलता है।

स्थानीय प्रशासन की यह पहल अब केवल एक स्वास्थ्य केंद्र नहीं, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए संबल, सुकून और गरिमा का प्रतीक बन गई है। यह मॉडल आने वाले समय में पूरे राज्य के लिए प्रेरणा साबित हो सकता है।

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