विश्व मधुमेह दिवस से पहले रायपुर में स्वास्थ्य समीक्षा बैठक के दौरान एनसीडी स्क्रीनिंग, स्वास्थ्य जागरूकता की नई पहल

रायपुर। विश्व मधुमेह दिवस से पहले रायपुर के सर्किट हाउस में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय स्वास्थ्य समीक्षा बैठक के दौरान सचिव स्वास्थ्य अमित कटारिया के निर्देशन में गैर-संचारी रोग (एनसीडी) स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों में रोगों की शीघ्र पहचान, रोकथाम और नियमित स्वास्थ्य जांच के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान के चलते मधुमेह अब केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। इसी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से “अपने स्वास्थ्य के प्रहरी बनने” का आह्वान किया है।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ और जिला स्वास्थ्य टीम, रायपुर के सहयोग से सभी संभागों के अधिकारियों की स्वास्थ्य जांच की गई। 110 प्रतिभागियों की स्क्रीनिंग में 41 में उच्च रक्तचाप और 9 में उच्च रक्त शर्करा स्तर पाया गया।
अमित कटारिया ने कहा कि “स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ राज्य की नींव हैं।” उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे नियमित जांच कर प्रेरक उदाहरण बनें और नागरिकों को संतुलित आहार, व्यायाम, तनाव नियंत्रण और नशामुक्त जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करें।
राज्य में गैर-संचारी रोगों की रोकथाम के लिए ‘स्क्रीनिंग से सेवा तक’ की एकीकृत व्यवस्था विकसित की गई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक जांच, औषधि वितरण और परामर्श सेवाएं नियमित रूप से उपलब्ध कराई जा रही हैं।
राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में अक्टूबर तक राज्य में 38.61 लाख नागरिकों की मधुमेह और 37.76 लाख नागरिकों की रक्तचाप जांच की गई। इनमें से 6.88 लाख मधुमेह और 11.82 लाख उच्च रक्तचाप के मरीजों की पहचान कर उन्हें उपचार और परामर्श सेवाएं दी जा रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग का संदेश स्पष्ट है — प्रत्येक नागरिक अपने स्वास्थ्य का संरक्षक बने, नियमित जांच कराए, संतुलित जीवनशैली अपनाए और रोगों से एक कदम आगे रहे।
“अपने स्वास्थ्य के प्रहरी बनें, नियमित जांच कराएं और स्वस्थ जीवन की दिशा में कदम बढ़ाएं।”




