
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने एक और डिजिटल क्रांति की ओर कदम बढ़ा दिया है। “डिजिटल प्रशासन – पारदर्शी समाधान” की सोच को ज़मीन पर उतारते हुए, अब प्रदेश के करीब 4 लाख सरकारी कर्मचारियों की सेवा जानकारी मोबाइल एप में सुरक्षित रहेगी — तेज़, पारदर्शी और भरोसेमंद तरीके से।
अब फाइलों के ढेर पलटने की जरूरत नहीं। ‘एम्प्लाई कॉर्नर’ मोबाइल एप के माध्यम से कर्मचारी खुद अपनी सेवा संबंधी जानकारी अपडेट कर सकेंगे — चाहे वो पदोन्नति की तैयारी हो, वेतन विसंगति हो, या रिटायरमेंट से जुड़े दस्तावेज़।
✅ क्या है खास?
कार्मिक संपदा पोर्टल पर प्रोफाइल अपडेट अब अनिवार्य।
मोबाइल एप और वेब पोर्टल से कर्मचारी खुद कर सकेंगे लॉगिन और अपडेट।
अब कार्यालय प्रमुख पर निर्भरता खत्म – विलंब और गलती की आशंका कम।
स्थानांतरण, वेतन निर्धारण, पेंशन जैसे मामलों में पारदर्शिता और गति।
📱 सेवा ‘कुंडली’ अब आपके हाथ में
कोष एवं लेखा संचालनालय ने यह नई प्रणाली तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है। कर्मचारियों के लिए यह एक सहज डिजिटल डायरी की तरह है, जिसमें उनका पूरा सेवा इतिहास उपलब्ध रहेगा। अब नामिनी बदलना हो, बैंक अकाउंट अपडेट करना हो या सेवानिवृत्ति से जुड़ी जानकारी चाहिए – सब कुछ कुछ क्लिक में।
🔧 क्यों जरूरी था यह बदलाव?
संचालक श्री रितेश अग्रवाल ने बताया कि अभी तक कई कर्मचारी कार्मिक संपदा पोर्टल पर अपनी जानकारी अपडेट नहीं करते थे, जिससे रिटायरमेंट के समय परेशानियाँ बढ़ जाती थीं। अब यह काम कर्मचारी स्वयं कर सकते हैं, जिससे त्रुटियाँ भी कम होंगी और समय की बचत भी होगी।
💡 आने वाले बदलाव:
जीपीएफ दावे अब ऑनलाइन होंगे — सीधे महालेखाकार कार्यालय में।
GPF क्रेडिट मिसिंग मॉड्यूल भी चालू — सेवा काल के दौरान मिसिंग एंट्री का ऑनलाइन समाधान।
📘 जानिए कैसे करें इस्तेमाल:
इस एप को उपयोग में लाने के लिए पूरी प्रक्रिया का विवरण इस लिंक में दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का साफ संदेश है – “प्रशासनिक प्रक्रियाओं को जनता और कर्मचारियों दोनों के लिए सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाना हमारी प्राथमिकता है।” यह पहल न केवल सरकारी कामकाज को गति देगी, बल्कि छत्तीसगढ़ को ई-गवर्नेंस के मानचित्र पर अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगी।