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बिहान की दीदियां बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल, डिजिटल दुनिया से जोड़ा जा रहा है छत्तीसगढ़ के हुनर को

रायपुर। महिलाएं आज हर क्षेत्र में सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं। तकनीक ने दुनिया को हमारी उंगलियों पर ला दिया है, और अब छत्तीसगढ़ की महिलाएं भी डिजिटल माध्यम से वैश्विक बाज़ार तक पहुँचने को तैयार हैं। राजधानी रायपुर में आयोजित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि बिहान की दीदियों को अब डिजिटल रूप से सशक्त किया जा रहा है ताकि उनके उत्पाद देश-दुनिया में अपनी पहचान बना सकें।

नवरात्रि पर्व के अवसर पर कहा गया कि नारी शक्ति ही असली परिवर्तन की वाहक है। छत्तीसगढ़ की लखपति दीदियां आत्मनिर्भरता की ब्रांड एम्बेसडर बनकर समाज को नई दिशा दे रही हैं। डिजिटल प्रशिक्षण के माध्यम से अब उनके उत्पाद सीधे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पहुँच सकेंगे।

कार्यक्रम में बताया गया कि:

2027 तक छत्तीसगढ़ की 8 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य

महुआ उत्पादों से ‘जशप्योर’ ब्रांड को मिली राष्ट्रीय पहचान

महतारी वंदन योजना से महिलाओं को मिला आर्थिक संबल

महिलाओं के नवाचार से बदल रही प्रदेश की अर्थव्यवस्था

दीदियों की जुबानी लखपति बनने की कहानियाँ

पूनम गुप्ता, बलरामपुर – किराना, चक्की, पिकअप-ट्रैक्टर से शुरू किया व्यवसाय

हेमिन साहू, गरियाबंद – आचार-पापड़ से शुरू हुआ सफर, अब 4,000 रु. रोज की कमाई, सरस मेले में 2.31 लाख की बिक्री

गीता वैष्णव – 10 रुपए के लिए संघर्ष करती थीं, अब बेटे को बना रहीं सॉफ्टवेयर इंजीनियर

गीता वर्मा, रायपुर – हल्दी-मसाले के व्यापार से हर महीने 15-20 हजार की आय

उत्पादों को मिली मंच और पहचान

मुख्यमंत्री ने बिहान दीदियों के स्टॉलों का निरीक्षण किया और उत्पादों की सराहना की। जैसे—

A2 मिल्क से बना घी, अगरवुड तेल, फिनायल, मोमबत्ती, कुकीज़, और ग्लिसरीन सोप

महिलाओं ने बताया कि ये उत्पाद उनकी आय का मुख्य स्रोत बन चुके हैं

राष्ट्रीय मंच की ओर बढ़ता कदम

विशेष वर्कशॉप के माध्यम से अब बिहान की दीदियों को ब्रांडिंग, पैकेजिंग, और प्राइसिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँच सकें।

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