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नईदिल्ली : जेटली के आरोपों पर राहुल गांधी का पलटवार

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। इस बार राहुल गांधी ने अरुण जेटली के उस दावे का जवाब दिया है जिसमें वित्त मंत्री ने कहा था कि यूपीए के दौरान भी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिफेंस डील की जानकारी साझा नहीं की जाती थी। राहुल गांधी ने 3 अलग-अलग समय पर यूपीए कार्यकाल के दौरान सांसदों द्वारा डिफेंस डील को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब ट्वीट किए हैं।
राहुल गांधी ने जेटली से कहा है कि अब रक्षा मंत्री से कहें कि वह देश को बताएं कि एक राफेल फाइटर प्लेन कितने में खरीदा जा रहा है। राहुल ने एक बार फिर इस ट्वीट में वित्त मंत्री की टाइटल को जेटली की जगह जेटलाई कर दिया है। इस संबंध में पूछे जाने पर राहुल ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वह अपनी स्पेलिंग चेक करेंगे। इससे पहले गुजरात चुनाव के दौरान भी राहुल ने ऐसा किया था। तब बीजेपी सांसद ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था।
राहुल ने जो ट्वीट किया है उसमें मनीष तिवारी द्वारा एयरक्राफ्ट कैरियर ऐडमिरल गोर्शकोव डील, ओवैसी द्वारा सुखोई-30 विमान की डील और कलिकेश नारायण सिंह देव सवालों पर दिए गए जवाब हैं। ये सवाल यूपीए शासनकाल में डिफेंस डील पर पूछे गए थे और राहुल ने उनके जवाब भी इसके साथ जोड़े हैं। गौरतलब है कि संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि राहुल ऐसे आरोप लगाकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता कर रहे हैं। जेटली ने राहुल को पूर्व रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी से सीखने की नसीहत भी दी।
जेटली ने कहा था कि जब प्रणव मुखर्जी रक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर अमेरिका से हथियार खरीद की जानकारी सार्वजनिक नहीं की थी। जेटली ने कहा कि ए.के. एंटनी ने भी इजरायल से हथियार खरीद की जानकारी नहीं दी थी। जेटली के इसी दावे का जवाब देने के लिए राहुल ने पिछली सरकार में दिए गए जवाबों को सोशल मीडिया पर पेश करते हुए नई चुनौती दे दी है।
राहुल ने लोकसभा में भी बोलने की अनुमति मांगी
राहुल के तेवरों से साफ है कि कांग्रेस राफेल डील पर सरकार को बख्शने के मूड में नहीं हैं। संसद के अंदर और बाहर नरेंद्र मोदी सरकार पर इस डील में घोटाले का आरोप लगाने वाले राहुल ने शुक्रवार को इस मसले पर लोकसभा में बोलने के लिए स्पीकर सुमित्रा महाजन को लिखित नोटिस दिया है। रिपोर्ट के अनुसार राहुल ने नियम 357 के तहत नोटिस देते हुए स्पीकर से इस मामले में बोलने की अनुमति मांगी है।
गुरुवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राहुल ने कहा था कि नियम है कि जब कोई सदस्य कोई मुद्दा उठाता है तो उसे इसपर बोलने का मौका मिलना चाहिए। जब मैंने संसद में इसपर बोलना चाहा तो सदन की कार्यवाही ही स्थगित कर दी गई। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सबने पीएम को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वोट दिया था, लेकिन राफेल डील के बारे में पीएम कुछ नहीं बोल रहे हैं।
 

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