10 दिन में पानी उपलब्ध नहीं कराने पर एसईसीएल कोरबा मुख्यालय का करेंगे घेराव -माकपा

कोरबा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने एसईसीएल कोरबा एरिया अंतर्गत बंद हो चुकी बांकी खदान से मड़वाढोढ़ा,पुरैना,बांकी बस्ती गांव के लिए एसईसीएल कोरबा महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपते हुए एसईसीएल से प्रभावित गांव में निस्तारी एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की मांग करते हुए 10 दिनों में पानी उपलब्ध नहीं होने पर कोरबा मुख्यालय घेराव की चेतावनी भी दी है।माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा की बांकी के अंडरग्राउंड माइन्स के कारण प्रभावित मड़वाढोढ़ा,पुरैना,बांकी बस्ती गांव में जल स्तर काफी नीचे जा चुका है गर्मी में गांव में निस्तारी के साथ मवेशियों को पानी की काफी परेशानी होती है। प्रभावित गांव में जब खदान चल रहा था तो पानी बोरहोल के माध्यम से दिया जाता था जिससे बारहों महीने तलाबें भरी रहती थी और किसान पानी की उपलब्धता से दोहरी फसल के साथ सब्जी उगा कर अपना जीवन यापन करते थे लेकिन खदान बंद होने से तलाबें गर्मी शुरू होने से पहले ही सुख गई है। जिससे ग्रामीणों के सामने निस्तारी के साथ खेती किसानी की समस्या भी उत्पन्न हो रही है।
माकपा ने एसईसीएल के कोरबा महाप्रबंधक से मांग की है की मड़वाढोढ़ा,पुरैना,बांकी बस्ती में पाइप लाइन के माध्यम से तीनों गांव के तालाबों को स्थाई रूप से भरने की व्यवस्था की जाए जिससे 12 महीनों तालाबों में पानी भरा रहे और किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए जिससे सैकड़ो एकड़ छेत्रफल में किसान खेती कर सके बांकी की बंद खदान में भरे पानी का सही उपयोग करने से सैकड़ो किसानों को लाभ मिल सकता है।
माकपा नेता ने कहा कि बांकी खदान बंद करने के समय से ही कई बार मांग की गई है लेकिन एसईसीएल कोई ध्यान नहीं दे रहा है। पूर्व में भी कई बार निवेदन किया जा चुका है।
10 दिन के अंदर तीनों गांव में पानी की व्यवस्था नहीं होने पर माकपा
मड़वाढोढ़ा,पुरैना,बांकी बस्ती के ग्रामवासियों के साथ कोरबा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव करेगी। ज्ञापन सौंपने में माकपा प्रतिनिधि मंडल के साथ जवाहर सिंह कंवर, जिर्बोधन कंवर, भारत सिंह,सुरेश,शिवरतन कंवर, मोहपाल सिंह,अजित सिंह, दिलीप चौहान, जितेंद्र, उपेंद्र कंवर, कमलेश प्रमुख रूप से उपस्थित थे ।









समर्पितों ने पुलिस को बताया कि आंन्ध्रप्रदेश के बड़े नक्सली कमांडर छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र में कई बड़ी नरसंहार जैसी घटनाओं को घटित करते हैं एवं जब उनको अपना पारिवारिक जीवन-यापन करना होता है, तो आंध्र प्रदेश में जाकर बड़ी रकम की लालच में सरेंडर कर देते हैं। हम छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र के नक्सलियों को ऐसा करने पर प्रताडि़त करके दुष्प्रचार करते हैं कि अगर संगठन छोडक़र जाओगे तो पुलिस तुमको मार देगी। वर्तमान में नक्सली संगठन अपने मूल लक्ष्य से भटककर मात्र पैसा वसूली का जरिया बन गया है। आंध्र प्रदेश के नक्सली आदिवासियों के हितैषी नहीं हैं, सिर्फ उनको भ्रमित कर संगठन चला रहे हैं।




यहां मेडिकल स्टोर्स से उसने काफी सारी दवाईयां (करीब 10 हजार रूपए) खरीदी थी। इस रकम की वापसी को लेकर मेडिकल संचालक ऋषभ मल्होत्रा निवासी दुर्गा मंदिर के पास कटोरातालाब के साथ उसका विवाद चल रहा था। अब आशंका है कि पैसों के लेनदेन को लेकर ही दोनों के बीच विवाद हुआ होगा और आवेश में आकर आरोपी ने उसकी हत्या कर दी होगी। मृतक के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर किसी वजनी चीज से वार कर हत्या कर दी होगी। मेडिकल स्टोर्स में जिस तरह से सामान बिखरा पड़ा है और संघर्ष के निशान दिख रहे हैं, उससे यही प्रतीत होता है कि यहां दोनों के बीच जमकर हाथापाई हुई होगी। बहरहाल मेडिकल स्टोर्स संचालक फरार हो गया है और पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पीएम के लिए भेज दिया है।










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