
रायपुर। सीएम बघेल के आरोपों के बाद डा. रमन ने जवाब में दोषियों को बचाने की बात कही थी, जिसके बाद छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार के कार्यकाल में बहुचर्चित नान घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है। लेकिन अब दोषी बताए जा रहे अफसर अनिल टुटेजा ने स्वयं इस मामले में डा. रमन सिंह को पत्र लिखकर खुद को निर्दोष और पीड़ित बताया है। दरअसल, नागरिक आपूर्ति निगम यानी ‘नान’ के प्रकरण में घिरे आईएएस अनिल टुटेजा ने गुरुवार को पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह को पत्र लिखा है, और उनके आरोपों के जवाब में खुद को निर्दोष बताते हुए कुछ दस्तावेज भी भेजे हैं। टुटेजा ने अपने पत्र में । लिखा है कि, आपकी सरकार ने मेरे कार्यकाल में अमानक चावल संग्रहण, और 5 करोड़ के नुकसान के एसीबी के मुख्य आरोपों को खारिज किया था, और मुझे क्लीनचिट दी थी। विडंबना है कि जिन आरोपों को आपकी सरकार द्वारा निराधार तथा __ काल्पनिक बताया गया था, उन्हीं आरोपों के आधार पर ट्रायल का सामना करने को विवश हूं।
आप मुझे प्रमुख आरोपी बता रहे हो
टुटेजा ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह को लिखे अपने पत्र में कहा कि मीडिया में आप निरंतर मुझ पर नान घोटाले के प्रमुख आरोपी होने, वर्तमान सरकार द्वारा मुझे बचाने, संरक्षण देने तथा महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ करने के आरोप लगाते रहते है। यह न्यायोचित होगा कि मेरे विरूद्ध निरंतर लगाये जा रहे निराधार आरोपों पर अपना पक्ष भी सब के सामने रखू।
पत्र लिखकर विस्तार से कही अपनी बात
उन्होंने पत्र में आरोपों का विस्तार से ब्यौरा दिया, और कहा कि कथित नान घोटाले की जांच के बाद रायपुर के विशेष न्यायालय के समक्ष 16 आरोपियों के विरूद्ध 6 जून 2015 को ए.सी.बी. द्वारा प्रस्तुत चालान में अन्य 16 मेरे विरूद्ध लगाए गए तीन आरोप निम्न है- इनमें मेरे नान में मात्र 8 माह के (जून 2014 से फरवरी 2015) कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का नवीन तंत्र विकसित हुआ। जिसके तहत राज्य में लाखों क्विंटल अमानक चावल का संग्रहण एवं वितरण किया गया। चावल और नमक के अनावश्यक अंतजिला परिवहन में नान को 5.18 करोड़ की क्षति हुई। लाखों क्विंटल अमानक चावल के बदले राईस मिलरों से एकत्र अवैध राशि में मुझे भी हिस्सा प्राप्त होता था। उन्होंने आगे कहा कि स्मरण रहे कि एसीबी द्वारा बड़ी मात्रा में अमानक चावल के संग्रहण एवं नान को 5 करोड़ की क्षति होने के संबंध में नान प्रबंधन अथवा शासन के खाद्य विभाग से पूछने की आवश्यकता नही समझी तथा चावल के मापदण्डों की कोई जानकारी न होने के बाद भी अमानक चावल के संग्रहण के काल्पनिक आरोप लगाये गए।
वीडियो में सुनिये क्या बोले थे पूर्व सीएम रमन सिंह
पत्र में विधानसभा में जवाब को भी किया शामिल
टुटेजा ने कहा कि आपकी सरकार ने अमानक चावल संग्रहण एवं 5 करोड़ की क्षति के बारे में जो उच्च न्यायालय तथा विधानसभा में जो जानकारी दी थी वह इस प्रकार है-विधानसभा के दिसम्बर 2015 के शीतकालीन सत्र में शासन द्वारा प्रश्न क्र. 511 के उत्तर में जानकारी दी गई कि कैलेण्डर वर्ष 2014 में अक्टूबर तक राज्य में कही भी अमानक चावल संग्रहित नहीं किया गया। पुन: विधानसभा के 2016 के सत्र में प्रश्न क्र. 892 के उत्तर दिनांक 18 मार्च 2016 को शासन द्वारा यह जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2013 एवं 2014 में नमक के अनावश्यक परिवहन में कोई क्षति नहीं हुई। उन्होंने विधानसभा में ही 18 मार्च 2016 को प्रश्न क्र. 2299 के उत्तर में शासन द्वारा यह जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में राज्य में कही भी अमानक चावल संग्रहण एवं वितरण की कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है।
पढ़िये टुटेजा के लिखे खत का एक-एक शब्द