जगदलपुर ; जाति उम्र और संप्रदाय के बंधन से मुक्त होकर, यज्ञ से प्राप्त करें श्रेय
जगदलपुर : गायत्री परिवार की ओर से शहर में साधना प्रधान कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। गायत्री परिवार की माता भगवति शर्मा के सौ वर्ष पूर्ण होने को लेकर आगामी सालों के लिए विशेष कार्य योजना तय की गयी है।
साधनापूर्ण कार्यक्रम, आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर किए जाने को लेकर इस साल बस्तर के चार जिलों का उपजोन बनाकर गायत्री परिवार चार दिनों तक विविध आयोजन करने जा रहा है। इस दौरान 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन बालाजी मंदिर के समक्ष प्रांगण में होगा। महायज्ञ के लिए भक्त कुण्डलराव ने अपनी जमीन दी है। परिवार का मुख्य उद्देश्य है कि भक्ति भाव को निर्बाधित तौर पर अंजाम दिया जाए। ऐसे में गायत्री परिवार के सभी समयदानी कार्यकता और अन्य सदस्य व पदाधिकारी दो माह से इस आयोजन को लेकर ग्रामीण इलाको में कलश लेकर पहुंच रहे थे।आयोजन का मुख्य उद्देश्य जाति उम्र और संप्रदाय के बंधन से मुक्त होकर यज्ञ के जरिए श्रेय प्राप्त करना है। उक्त बातें गायत्री परिवार के लेख राम साहू के मुख्य ट्रस्टी और संरक्षक ने गायत्री मंदिर में आयोजित पत्रवार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि महायज्ञ की शुरूवात 18 फरवरी से होगी। चार दिवसीय इस आयोजन के पहले दिन ही शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान गुजराती समाज के सदस्य गरबा नृत्य के साथ शोभायात्रा में शामिल होंगे। इसके अलावा शहर के कई गणमान्य नागरिक और सामाजिक संगठन कलश यात्रा का पेयजल और शर्बत पीलाकर स्वागत करेंगे।
किसी भी कोई भी कर सकता है भोजनआयोजन के दौरान गायत्री परिवार के ओर से आगंतुक श्रद्धालुओं के लिए भोजन की चौबिस घंटे व्यवस्था होगी। कोई भी भक्त किसी भी समय आयोजन में शामिल होकर भरपेट भोजन ग्रहण कर सकता है। यह व्यवस्था चार दिन तक चलेगी। मालूम हो कि इस व्यवस्था के लिए गायत्री परिवार को भक्त सहयोग कर रहे हैं। भोजन के व्यय को उनके द्वारा वहन किया जा रहा है। बताया गया कि विकास श्रीवास्तव पहले दिन के पूरे भोजन का व्यय उठाएंगे वहीं अनिल साव, राजू महावर और जोशी जी सहित अन्य भक्त भी भोजन की व्यवस्था का जिम्मा लिए हुए हैं।
नशामुक्ति व युवा जागृति
गायत्री परिवार के युवा विंग ने इस आयोजन के दौरान युवाओं को परिवार से जोडऩे के लिए पहल कर रही है। अध्यक्ष निलेश ठाकुर ने बताया कि युवाओं के श्रम के सहयोग से ही यज्ञस्थल को सही कर पाए हैं। हमार उद्देश्य अब युवाओं को नशामुक्ति की ओर ले जाना और युवा जागृति पर केन्द्रित है। युवाओं के लिए रोजगार के आयाम भी स्थापित होने चाहिए।
महिलाएं अब नहीं तो कभी नहीं
गायत्री परिवार के महिला प्रभाग की अध्यक्ष जयश्री श्रीवास्तव ने कहा कि गुरुजी के संदेश के परिपालन में महिलाएं तन मन धन से जुटी है। उन्होंने कहा था कि 21वीं सदी महिलाओं के लिए नारी युग के नाम पर जाना जाएगा। गुरूजी के संदेश के अनुसार यदि अब महिलाएं आगे नहीं आएंगी तो फिर कभी आगे नहीं आ पाएंगी। महिलाओं ने इस आयोजन में कार्य किया है वो इस यज्ञ की सफलता के बाद दिखाई पड़ेगा।
गुरूजी की इच्छा हो रही सार्थक
समयदानी नियोजक आयता राम पोडियाम ने कहा कि यह गुरूजी की इच्छा है कि हम यहां पर इस महा पवित्र यज्ञोत्सव में शामिल हो रहे हैं। दो माह से हमने श्रमदान देकर यज्ञस्थल को ऐसा बनाया है कि किसी भी जगह से यज्ञ को देखा जा सकता है। गुरूदेव के लक्ष्य को पूरा करने में हम जुटे हैं।
एक लाख गायत्री मंत्र
आयोजन को सफल बनाने में कला का विशेष योगदान होता है, ऐसा मानना है डा. राजेश थंथराटे का उन्होंने बताया कि इस चार दिवसीय आयोजन के लिए उन्होंने एक लाख गायत्री मंत्र का लेखन किया है। 19 फरवरी को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा जिससे माहौल भक्तिमय दिखे।