श्रीनगर: भारतीय सेना की कार्रवाई से बौखलाया पाक, आम लोगों को बनाया निशाना, एक जवान सहित दो की मौत
श्रीनगर , जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया है। इसबार पाकिस्तान की तरफ से सीमा के पास रहने वाले आम लोगों को निशाना बनाया गया है। रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाकर की गई गोलाबारी में 2 लोगों की मौत हो गई है। पाक की फायरिंग में बीएसएफ का एक जवान भी शहीद हो गया है। हमले में 4 लोग घायल भी हुए हैं। हालांकि बीएसफ के जवानों ने भी पाक की इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया है।
इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से सीजफायर उल्लंघन में बीएसएफ की 78वीं बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल ए सुरेश शहीद हो गए थे। शुक्रवार को भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और फिर से सीजफायर का उल्लंघन किया। आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की गोलीबारी की चपेट में कई गांव आए हैं। गोलीबारी प्रभावित इलाकों के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
पाक फायरिंग की चपेट में आकर मरने वालों में एक महिला भी शामिल है। शुक्रवार सुबह 6 बजे के बाद से पाकिस्तान ने आरएस ुपरा के साथ ही रामगढ़ सेक्टर में भारत की दर्जनों चौकियों को निशाना बनाकर गोलाबारी की। भारत की तरफ से भी इस फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया गया। इस बीच पाक रेंजर्स की फायरिंग के दौरान सांबा सेक्टर में बीएसएफ का एक हेड कॉन्स्टेबल शहीद हो गया है।
इस बीच सीमा पर लगातार हो रही गोलाबारी पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा, यह बेहद चिंता की बात है कि नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है। सीमा और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है। नई दिल्ली और इस्लामाबाद को इस मुद्दे का समाधान करना होगा।
बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने गुरुवार को अपने बयान में कहा था कि हम पहले से बेहतर तैयार हैं और पाकिस्तान को हमारे जवाब ने काफी नुकसान पहुंचाया है। यही नहीं डीजी ने यह भी कहा, बीएसएफ कभी शुरुआत नहीं करती लेकिन हमला हो तो जवाब देना हमें आता है। हेड कॉन्स्टेबल ए सुरेश का बलिदान बेकार नहीं जाने देंगे।
बता दें कि गुरुवार को जम्मू और सांबा जिलों के तीन सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से की गई फायरिंग में एक 17 वर्षीय लडक़ी समेत बीएसएफ के एक जवान शहीद हो गए थे।
शहीद जवान की पहचान बीएसएफ की 78वीं बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल ए. सुरेश के रूप में हुई। ए. सुरेश मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले थे। अंतिम संस्कार के लिए शहीद का पार्थिव शरीर तमिलनाडु के धर्मापुरी पहुंचा गया। शहीद को देखकर सभी का आंखें नम हो गईं।