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भारत-चीन के रिश्तों में नई करवट: वांग यी की यात्रा से बढ़ेगी कूटनीतिक गति

भारत-चीन संबंधों में एक बार फिर सक्रियता देखने को मिल रही है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार (18 अगस्त, 2025) को दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरे का मकसद दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमतियों को ज़मीन पर उतारना और सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में ठोस कदम उठाना है। वांग, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ विशेष प्रतिनिधियों की 24वें दौर की सीमा वार्ता में हिस्सा लेंगे।

गौरतलब है कि पिछली बैठक दिसंबर में बीजिंग में हुई थी, जब डोभाल और वांग के बीच 23वें दौर की वार्ता हुई थी। इससे पहले अक्टूबर में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अहम बातचीत हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने बातचीत के विभिन्न तंत्रों को फिर से सक्रिय करने पर सहमति जताई थी।

बीजिंग से चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने स्पष्ट किया कि यह यात्रा आपसी राजनीतिक विश्वास को मज़बूत करने, उच्च स्तरीय संवाद बनाए रखने, व्यावहारिक सहयोग को बढ़ाने और मतभेदों को नियंत्रित करने की एक कूटनीतिक पहल है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि 23वें दौर की वार्ता में सीमा प्रबंधन और आदान-प्रदान को लेकर कई आम सहमतियां बनी थीं, जिन पर अब अमल तेज़ किया जा रहा है।

माओ ने इस यात्रा को सीमा पर स्थिरता लाने और रचनात्मक संवाद बनाए रखने की दिशा में एक “सकारात्मक पहल” बताया और उम्मीद जताई कि भारत भी इस भावना के साथ आगे बढ़ेगा।

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