जर्जर झोपड़ी से सपनों के पक्के घर तक – नंदौर खुर्द के जगदीश की बदली दुनिया

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के एक छोटे से गांव, नंदौर खुर्द में रहने वाले जगदीश का सपना अब हकीकत बन चुका है। कभी मिट्टी और खप्पर से बने जर्जर मकान में मुश्किलों भरी ज़िंदगी जीने वाले जगदीश, आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने अपने पक्के घर में सुकून और आत्मसम्मान के साथ जीवन बिता रहे हैं।
जगदीश जैसे हजारों परिवारों के लिए यह योजना सिर्फ एक सरकारी सुविधा नहीं, बल्कि उम्मीद की एक नई सुबह बनकर आई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार इसे हर गांव तक पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है।
जगदीश बताते हैं कि उनका पुराना घर बरसात में टपकता था और हर साल यह मौसम उनके लिए डर का सबब बन जाता था। आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि पक्के घर की सोच भी सकें। जब गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने आवेदन किया और कुछ ही समय में मंजूरी भी मिल गई। पहली किस्त मिलते ही उन्होंने घर बनवाना शुरू किया और आज उनका सपना एक खूबसूरत हकीकत बन चुका है।
अपने नए घर की चौखट पर खड़े होकर भावुक होते हुए जगदीश कहते हैं – “यह सिर्फ ईंट-पत्थर का मकान नहीं, मेरे आत्मसम्मान की नींव है। आज मुझे वो इज़्ज़त और सुकून मिला है, जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।”
जगदीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा कि यह योजना प्रदेश के हजारों गरीब परिवारों की ज़िंदगी बदल रही है। छत्तीसगढ़ के हर जिले में ऐसे सैकड़ों किस्से हैं, जो बताते हैं कि सरकारी योजनाएं अब कागज़ों तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीन पर असल बदलाव ला रही हैं।



