गणेशोत्सव में धूम के साथ अब सख्ती भी! नियम तोड़े तो सीधा चालान या जेल

रायपुर। गणेशोत्सव जैसे उल्लासभरे पर्व में इस बार हंगामे और शोर-शराबे पर प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी। चाकूबाजी, हुड़दंग और सड़क पर स्टंटबाज़ी करने वालों के लिए सीधे जेल की राह तैयार है। शहरभर में CCTV कैमरों के ज़रिए कार्यक्रमों पर नज़र रखी जाएगी और नियम तोड़ने वालों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
तीन सवारी, स्टंट या हंगामा? फिर चालान तय!
जो लोग बाइक पर तीन सवारी बैठाकर घूमेंगे या सार्वजनिक जगहों पर स्टंट दिखाएंगे, उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई होगी। और अगर ये हरकत दोबारा पकड़ी गई — तो गाड़ी होगी सीधी राजसात!
इस बार गणेशोत्सव में डीजे पर फुलस्टॉप!
कलेक्टोरेट में मंगलवार को हुई बैठक में जिले के सभी डीजे ऑपरेटर और किराया भंडार संचालकों को सख्त निर्देश दिए गए। ADM उमाशंकर बांदे और एडिशनल एसपी लखन पटले ने साफ कह दिया —
👉 “इस बार डीजे के लिए न कोई NOC दी जाएगी, न कार्यक्रम की मंजूरी।”
10 बजे के बाद साउंड सिस्टम भी नहीं चलेगा
सुप्रीम कोर्ट और NGT के निर्देशों के अनुसार रात 10 बजे के बाद किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर, डीजे आदि) पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
अस्पताल, स्कूल, कोर्ट, दफ्तर और रिहायशी इलाकों से 100 मीटर के भीतर डीजे पूरी तरह बैन है।
ITMS के कैमरों से नजर रखी जाएगी, DJ बजते ही वाहन और साउंड सिस्टम जब्त होगा।
ध्वनि सीमा भी तय
आवश्यक क्षेत्रों के लिए डेसीबल लिमिट भी तय कर दी गई है:
औद्योगिक क्षेत्र: सुबह 75 dB(A), रात 70 dB(A)
वाणिज्यिक क्षेत्र: सुबह 65, रात 55
आवासीय क्षेत्र: सुबह 55, रात 45
शांत क्षेत्र (जैसे अस्पताल): सुबह 50, रात 40
जो भी सामान मिलेगा, होगा जब्त!
अधिकारियों ने साफ चेतावनी दी —
गाड़ियों में लगे साउंड बॉक्स जब्त होंगे।
टेंट, कुर्सियाँ, साउंड सिस्टम जैसे किराए के सामान भी ज़ब्त कर लिए जाएंगे।
100 मीटर दायरे में लाउडस्पीकर पाया गया, तो वहीँ पर कार्रवाई होगी।
कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बार प्रशासन मूड में है, और मकसद साफ है —
गणेशोत्सव मनाइए, मगर नियमों की लक्ष्मण रेखा पार मत कीजिए!