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नईदिल्ली : इंडोनेशिया के पहले दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया में अपने पहले दौरे पर जाने वाले है। इससे पहले ही जकार्ता की तरफ से नई दिल्ली के लिए सहयोगी कदम उठाए जा रहे हैं। इंडोनेशिया की तरफ से भारतीय जहाजों को गहरे समुद्र तट वाले अपने क्षेत्र सबांग में प्रवेश की अनुमति देने के संकेत दे दिए हैं। गुरुवार को इंडोनेशिना के नौसेना मामलों के मंत्री लुहुच पंडजैतान ने मीडिया से बात करते हुए यह जानकारी दी।

नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया में अपने पहले दौरे पर जाने वाले है

जोको सरकार में नौसेना मामलों के मंत्री ने कहा, भारत और इंडोनेशिया ने साथ में नौसेना अभ्यास 2017 में शुरू किया है और अब हम अगले मुकाम पर जा रहे हैं। समुद्री तटों पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में हम कदम उठा रहे हैं। सबांग समुद्री तट जब भारत के सहयोग के साथ विकसित होगा तो यह दोनों देशों के लिए एक और बड़ा कदम साबित होगा। सबांग पोर्ट की गहराई 40 मीटर तक है और यह नौसेना के कार्यक्रमों के लिहाज से बहुत उपयोगी है।

समुद्री तटों पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में हम कदम उठा रहे हैं

अगले कुछ सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया + की यात्रा कर सकते हैं। पीएम मोदी की यह पहली इंडोनेशिया यात्रा है और वहां द्विपक्षीय वार्ता में वह प्रेजिडेंट दो विदोदो से मुलाकात करेंगे। जकार्ता में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ ऐसी खबरें भी हैं कि पीएम सबांग में एक अस्पताल के उद्घाटन की भी घोषणा करेंगे। सबांग अंडमान और निकोबार से महज 700 किमी. की दूरी पर है। लुहुट ने कहा, इंडोनेशिया की सरकार चाहती है कि भारत उसी क्षेत्र के इकनॉमिक जोन में निवेश करे क्योंकि वह इलाका अभी ज्यादा विकसित नहीं हुआ है।

पीएम मोदी की यह पहली इंडोनेशिया यात्रा है

सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर है कि पीएम मोदी + सबांग सबांग के समुद्र तट की भी सैर करेंगे। सबांग के तट का भारत की नौसेना के लिहाज से क्या महत्व है पीएम इसकी भी जानकारी लेंगे। सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे पर खास तौर पर डिफेंस और स्पेस में सहयोग बढ़ाने को लेकर कुछ अहम घोषणा हो सकती है।
ओबीओर और चीन के विवादित साउथ चाइना सी में मिसाइल स्टेशन निर्माण के सवालों पर लुहुट ने कहा कि यह बहुत संवेदनशील मामला है। इंडोनेशिया ने चीन के साथ इससे संबंधित अपनी चिंताएं दोस्ताना अंदाज में शेयर की हैं। भविष्य में इसका शांतिपूर्ण समाधान खोज लिए जाने की हम उम्मीद कर रहे हैं।

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