दवा कंपनियों की चालाकी का नया फॉर्मूला: GST में राहत, पर जेब पर वार!

आपको लगता है कि 22 सितंबर से दवाइयाँ सस्ती हो जाएँगी? ज़रा ठहरिए! दवा कंपनियाँ आपसे दो कदम आगे चल रही हैं! 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि कुछ दवाओं पर से GST हटा दिया जाएगा। लेकिन इससे पहले कि राहत की हवा आम जनता तक पहुँचे, कंपनियों ने अपने भाव बढ़ा दिए।
उदाहरण देखिए:
🔹 OLKEM TRIO 12.5 नाम की दवा
🔸 12 अगस्त को कीमत: ₹193 (GST सहित)
🔸 25 अगस्त को नई कीमत: ₹212.50
🔸 मतलब सिर्फ 13 दिनों में 10 गोलियों का एक पत्ता ₹19.50 महँगा हो गया।
22 सितंबर से जब इस दवा से 6% GST हटा दिया जाएगा, तब इसकी कीमत होगी ₹189.73 — यानी उपभोक्ता को फायदा सिर्फ ₹3.27 का!
अगर कंपनियाँ कीमत न बढ़ातीं, तो उपभोक्ता को इस GST कटौती से ₹20 से भी ज़्यादा का सीधा लाभ मिलता।
यानी:
👉 GST हटा, पर दवा महँगी हो गई।
👉 कंपनियाँ मुनाफा डबल कर गईं।
👉 आम जनता के हिस्से में आई सिर्फ “छूट का छलावा”।
अब बताइए, ये चालाकी नहीं तो क्या है?
सरकार भले टैक्स घटा दे, लेकिन जब तक दवा कंपनियों की मनमानी पर लगाम नहीं लगेगी, उपभोक्ता को राहत नहीं मिलने वाली।


