भरतपुर-सोनहत विधानसभा सीट, इतिहास, समस्याएं, दावेदार

भरतपुर-सोनहत: आज से हम आपको छत्तीसगढ़ की सभी विधानसभा सीटों के इतिहास वर्तमान सहित सभी तरह की उन जानकारियों को देने की कोशिश करेंगे जो आपको जानना जरूरी है, हम आज आपको भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट का इतिहास, समस्याएं और दावेदारों के बारे में बताने जा रहे हैं, ये सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती है. लेकिन इस बार राज्य सरकार पर एंटी इनकैम्बसी होने का खतरा है. इसलिए ये सीट भी चुनावों में अहम रोल निभाएगी.
भरतपुर-सोनपुरसीट का इतिहास
पिछले दो चुनावों में ये सीट भारतीय जनता पार्टी के नाम ही रही है. एसटी कोटे के लिए आरक्षित इस सीट पर अभी भारतीय जनता पार्टी की चंपा देवी पावले विधायक हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के गुलाब कामरो को करीब 4 हजार वोटों से हराया था. वहीं बात अगर 2008 के चुनाव में भी ये सीट बीजेपी के पास थी, तब बीजेपी के फूलचंद सिंह यहां से विधायक थे. उस दौरान उन्हें करीब 38 हजार वोट मिले थे. फूलचंद ने कांग्रेस के गुलाब सिंह को करीब 8 हजार वोटों से हराया था.
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ये हैं विधानसभा के मुख्य मुद्दे
भरतपुर सोनहत में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। लचर स्वास्थ्य व्यवस्था से क्षेत्र के लोग खासा नाराज हैं। वहीं दूसरी ओर सरकारी आंकड़ों और विभागीय कागजों में चिकित्सा व्यवस्था सेहतमंद नजर आती है। अंचल के क्षेत्रों में हालात और भी बदतर हैं। सड़कें खराब होने की वजह से कई गाँवों में संजीवनी एक्सप्रेस तक नहीं पहुंच पाती। मौसमी बीमारी में ग्रामीणों को और अधिक परेशानी होती है.
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कौन-कौन हैं दावेदार ?
इस चुनाव में अभी कांग्रेस और बीजेपी ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. जबकि अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की ओर से इस सीट पर गुलाब सिंह चुनाव लड़ेंगे. वहीं भाजपा के दावेदारों में मौजूदा विधायक और संसदीय सचिव चंपा देवी पावले की दावेदारी मजबूत मानी जा रही हैं, तो फूलचंद सिंह भी लगातार इलाके में सक्रीय हैं, इधर बात अगर कांग्रेस की करें तो कांग्रेस के 2013 में हार का सामना कर चुके गुलाब कामरो एक बार फिर मजबूती से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. और लगतार क्षेत्र में सक्रियता के चलते, उनका टिकट कांग्रेस की तरफ से पक्का माना जा रहा है.