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लोकसभा चुनाव 2019:टिकट के लिए मुलायम सिंह यादव के घर में रार!

  • समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भले ही मायावती से गठबंधन की गुत्थी आसानी से सुलझा ली हो लेकिन घर में टिकट के लिए फैला घमासान फिलहाल शांत होता नहीं दिख रहा है. दरअसल इस घमासान की शुरुआत समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की घोषणा से हुई है. अखिलेश फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं हैं. ऐसे में उनके लिए नई सीट की तलाश शुरू हुई तो सवाल उठा घर में उनके लिए सीट छोड़ेगा कौन?
  • पहला नाम आया कन्नौज से सांसद डिंपल यादव का. चर्चा गर्म हुई कि अखिलेश कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे. कन्नौज में पोस्टर भी लग गए. सूत्रों की माने तो डिंपल यादव ने अखिलेश से खुद के कन्नौज से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई. अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव की बात भी मान भी गए. इसके बाद अखिलेश के लिए नई सीट की तलाश शुरू हुई और सीट तय हुई आजमगढ़ की.
  • आजमगढ़ से इस समय मुलायम सिंह यादव सांसद हैं. ऐसे में मुलायम कहां जाए? ये सवाल उठना लाजमी था. मुलायम सिंह यादव के स्वास्थ्य को देखते हुए उनको उनकी परंपरागत सीट मैनपुरी से चुनाव लड़ाए जाने का फैसला हुआ.लोकसभा चुनाव 2019: मुलायम सिंह यादव के घर में टिकट के लिए रार!
  • मैनपुरी से मुलायम को चुनाव लड़ाने का फैसला तो हो गया लेकिन अब सवाल फिर खड़ा हुआ कि मैनपुरी से सांसद तेज प्रताप सिंह आखिर किस रास्ते लोकसभा पहुंचेंगे. आखिर 2014 में तो सिर्फ परिवार वाले ही लोकसभा पहुंच पाए थे. ऐसे में घर वालों का टिकट काटन ठीक नहीं है. ऐसे में जब शिवपाल जैसा घरवाला खुलमखुल्ला पार्टी बनाकर सामने हैं तो अखिलेश किस घरवाले का टिकट काट उसे नाराज कैसे कर सकते हैं.
  • सूत्रों की माने तो तेज प्रताप यादव को जौनपुर से चुनाव लड़ने पर परिवार और पार्टी दोनों में सहमति बन गई है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव तेज प्रताप को इस सीट से लड़ा कर एक साथ कई निशाना साधना चाहते हैं. दरअसल जौनपुर सीट पर पारसनाथ यादव और उमाकांत यादव दोनों टिकट के दावेदार हैं. ऐसे में अगर एक को टिकट दिया जाता है तो दूसरा खेमा नाराज होता है. लेकिन अगर तेज प्रताप यहां से चुनाव लड़ते हैं तो दोनों गुट उनके साथ रहेंगे.
  • परिवार में मुलायम सिंह यादव के बाद सबसे वरिष्ट लोकसभा सदस्य धर्मेंन्द्र यादव फिलहाल अपनी पुरानी बदायूं सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. लेकिन फिरोजबाद से शिवपाल यादव के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद रामगोपाल यादव और उनके बेटे अक्षय के लिए सुरक्षित सीट तलाशने में जूट गए हैं. साफ है बाकि टिकटों पर फैसला तभी होगा जब परिवार का मामला सेटल हो जाएगा.

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