
जगदलपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर से आ रही लीची अपने रसीले तथा अनुपम स्वाद के कारण लोगों को लुभा रही है। ठेले में ताजे पत्तों की डगालों के साथ केसरिया रंग की लीची को देखकर किसके मुंह में पानी नहीं आएगा। गौरतलब है कि लीची विक्रेता इसे 160 से 200 रूपए किलो के भाव पर बेच रहे हैं। लीची से फ्लेवर सहित अन्य पेय तथा खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं तथा इसका इस्तेमाल आईस्क्रीम में भी होता है। गोदरेज कंपनी ने कार्डबोर्ड के डिब्बे में लीची का जूस विक्रय के लिए उपलब्ध करवाया है।
केसरिया रंग की लीची को देखकर किसके मुंह में पानी नहीं आएगा
इसके अलावा जगदलपुर में पाण्डे बगीचा में भी बड़ी साईज की रसदार लीची उपलब्ध होती है जो मुजफ्फरपुर के लीची का मुकाबला करती है। लीची के बड़े किसान राकेश पाण्डे ने बताया कि इस वर्ष तेज वर्षा तथा ओलों की मार के कारण लीची के उपर सजा हुआ नरम आवरण नष्ट हो जाने के कारण इस वर्ष लीची की फसल नष्ट हो गई है तथा उसे चींटियों तथा अन्य कीट ने भारी नुकसान पहुंचाया है। बस्तर में जमीन लीची की फसल के लिए उपयुक्त है इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
2 ) जगदलपुर : नौतपा में तप रहा बस्तर
जगदलपुर : जगदलपुर में दिन में भारी गर्मी है और नवतपा अपना कहर दिखा रहा है। घरों के अंदर जहां लोग पंखे व कूलर में दुबके हुए हैं वहीं कामकाजी महिलाएं तथा पुरूषों का अपने कार्यस्थल पर जाकर ड्यूटी करना मजबूरी है। सुबह से लेकर दोपहर 4 बजे तक सूरज का गोला आग बरसाता है। उसके बाद बादल आकर हल्की बूंदाबांदी कर उमस और बढ़ा देते हैं। ऐसे में बिना सूचना के अगर बिजली चली जाए और घंटों विद्युत आपूर्ति बंद रहे तो लोगों को दोपहर काटना दूभर हो जाता है।
जगदलपुर में दिन में भारी गर्मी है और नवतपा अपना कहर दिखा रहा है
कल शाम आए घने काले बादलों से ऐसा लगा कि वर्षा जमकर होगी मगर हवाओं ने बादलों को दूर ठेल दिया और हल्की बूंदाबांदी होकर रह गई। इस बार नौतपा का कहर पूरे छत्तीसगढ़ में बरपा है, बस्तर में भी भीषण गर्मी पड़ रही है। आखिर जो भी हो 2 जून तक नौतपा का कहर जारी रहेगा, उसके बाद ही जून माह में 10 तारीख तक मानसून के आगमन की संभावना है।