राफेल पर राहुल का सवाल- फ्रांस के रक्षा मंत्री से क्यों मिले थे अनिल अंबानी?

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर फिर जुबानी हमला किया है. मंगलवार को वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राहुल ने ट्वीट कर इस मुद्दे के बहाने पीएम पर निशाना साधा. राहुल ने ट्वीट किया- ‘प्रिय छात्रों और देश के युवाओं, हर रोज राफेल को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं. इन खुलासों से साफ हो रहा है कि प्रधानमंत्री ने अपने दोस्त अनिल अंबाली की आपके 30 हजार करोड़ रुपए चुराने में मदद की. राफेल स्कैम पर आप मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस सुबह 11 बजे से देखिए.’
इस ट्वीट से स्पष्ट है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी एक बार फिर राफेल के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरेंगे. इससे पहले सोमवार को लखनऊ में बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ रोड शो के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, “देश के चौकीदार ने उत्तर प्रदेश, दूसरे राज्यों और एयरफोर्स से पैसे चोरी किए. चौकीदार चोर है. उत्तर प्रदेश देश का दिल है. हम फ्रन्टफुट पर खेलेंगे. सिंधिया जी, प्रियंका जी और मैं तब तक नहीं थमेंगे जब तक कांग्रेस विचारधारा की सरकार राज्य में नहीं बन जाती.”
आज संसद में रखी जा सकती है सीएजी रिपोर्ट
सोमवार को सीएजी ने राफेल से जुड़ी रिपोर्ट राष्ट्रपति और वित्त मंत्रालय को भेजने के बाद इसे लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमेन को भेजा गया. आज सीएजी की रिपोर्ट संसद में रखी जा सकती है.
‘पीएम ने हटवाया क्लॉज’
राहुल ने दिया था एक रिपोर्ट का हवाला…
बता दें कि कुछ दिनों पहले एक अंग्रेजी अखबार ने राफेल डील को लेकर विवादित दावा किया था. उसकी रिपोर्ट पर राजनीतिक गलियारों में खूब बवाल हुआ था. बाद में उसी न्यूजपेपर ने अपनी रिपोर्ट की दूसरी किस्त निकालकर दावा किया था कि मोदी सरकार इस सौदे को लेकर इतनी हड़बड़ी में थी कि उसने एंटी करप्शन क्लॉज जैसी महत्वपूर्ण शर्त को हटा दिया. इसके बाद इसी रिपोर्ट का हवाला देकर कांग्रेस के कई नेताओं ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर व्यंग्य भी किया था.
खबर में दावा किया गया था कि ‘सरकार ने एस्क्रो खाते रखने के वित्तीय सलाहकारों की बात को भी खारिज कर दिया, क्योंकि पीएमओ ने सॉवरेन या बैंक गारंटी की शर्त को खत्म करने का दबाव बनाया था.’ गौरतलब है कि इससे पहले की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि डिफेंस मिनिस्ट्री के अफसरों ने राफेल सौदे पर पीएमओ की तरफ से दिए जा रहे हस्तक्षेप को लेकर आपत्ति जताई थी. हालांकि, सरकार की ओर से लोकसभा में दिए गए बयान में किसी तरह के दखल देने की बात से इनकार कर दिया था.