
रायपुर । छत्तीसगढ़ में सरकार की शराब नीति अब “महोत्सव” की शक्ल में नजर आने लगी है। रायपुर के टिकरापारा में बुधवार को कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला, जहां शराब दुकान के बाहर बैंड-बाजे की धुन पर ‘स्वागत समारोह’ सा माहौल था—लेकिन ये कोई सरकारी जश्न नहीं, कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन था।
मुख्यमंत्री के मुखौटे और शराबियों का स्वागत!
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शराब दुकान के बाहर बड़ा सा पोस्टर टांगा—”बीजेपी सरकार का शराब महोत्सव”। इसके तहत मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों के मुखौटे पहन कांग्रेसियों ने शराबियों का तिलक कर आरती उतारी, फूलों की माला पहनाई और मुफ्त में चखना भी बांटा। शराबी भी थोड़े चौंके, थोड़े मुस्काए, और शायद सरकार की नई नीति पर मन ही मन जाम भी उठाया।
शिक्षा नहीं, नशा ज़रूर मिलेगा
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने तंज कसते हुए कहा, “भाजपा हर चीज़ का महोत्सव बनाती है—चावल महोत्सव, स्कूल प्रवेश महोत्सव… अब शराब महोत्सव भी शुरू हो गया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार नशे के जरिए युवाओं का भविष्य गर्त में धकेल रही है।
70 नई शराब दुकानें: सरकार की नई सौगात?
उपाध्याय ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में 70 नई शराब दुकानें खोल दी हैं और शराब सस्ती कर दी है, जिससे राज्य में नशे का ‘उत्सव’ सा माहौल बन गया है। हर गली-मोहल्ले में दुकानें खुल रही हैं, जिससे महिलाओं और बच्चों का घर से निकलना दूभर हो गया है।
हर शराबी अब स्वागत का हकदार
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ममता लाल ने कहा, “अब अगर कोई शराबी शराब लेने जाए तो उसे तिलक कर माला पहनाई जाएगी… क्योंकि सरकार ने उसे यह हक दिया है।” उन्होंने सवाल किया, “जब हर गली में शराब बिकेगी, तो बच्चा स्कूल कैसे जाएगा?”